(गिलगिट-बाल्टिस्तान(Gilgit-Baltistan) इलाके में लोग पहले से ही चीन से नाराज

इस्लामाबाद. चीन के कर्ज तले दबा पाकिस्तान हर दिन आर्थिक बदहाली के दलदल में फंसता जा रहा है. इस कर्ज से छुटकारा पाने के लिए पाकिस्तान ने कश्मीरके अवैध कब्जे वाला गिलगिट-बाल्टिस्तान (Gilgit-Baltistan) लाका चीन को सौंपने की तैयारी में है. ऐसा करने से पाकिस्तान को चीन का लोन चुका देने से कुछ राहत तो मिल सकती है. पाकिस्तान के प्लान के बारे में जानकारी दी गई है. अगर ऐसा होता है तो भारत के तनाव गंभीर स्थिती में पहुंच सकता है.
हालांकि, अमेरिका इस हरकत से नाखुश हो सकता है. ऐसे में पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से मिलने वाली मदद पर भी मुश्किलें आ सकती हैं. चीन, जो दक्षिण एशिया में अपना दबदबा बढ़ाने के मौके ढूंढ रहा है. उसके लिए यह एक बहुत बड़ा मौका हो सकता है. क्योंकि, गिलगिट-बाल्टिस्तान से होकर ही चीन पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर गुजरता है.
गिलगिट-बाल्टिस्तान का इलाका आने वाले समय में टकराव के नए स्थान के रूप में उभर सकता है. यह इलाका हथियाना चीन के लिए इतना भी यह आसान नहीं होगा. अतंरराष्ट्रीय विरोध के साथ-साथ गिलगिट-बाल्टिस्तान में रहने वाले लोग इसके खिलाफ सड़क पर उतर सकते हैं. पहले से ही CPEC को लेकर वहां के लोग नाराज चल रहे हैं. गिलगिट-बाल्टिस्तान इलाके में सरकार ने पहले से ही लोकल प्रशासन को कम ताकतें दे रखी हैं.
गिलगिट-बाल्टिस्तान में लोग रोजगार, बिजली, शिक्षा जैसे जरूरी सेवाएं न मिल पाने की वजह से परेशान हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक- पाकिस्तान में कुल 9% आत्महत्याएं इसी इलाके में होती हैं.
वहीं, दूसरी ओर पिछले साल के अफगानिस्तान से निकलने के बाद अमेरिका इस स्थिति में नहीं है कि वह चीन को गिलगिट-बाल्टिस्तान का कब्जा करने दे. अमेरिकी नेता बॉब लान्सिया के मुताबिक- अगर गिलगिट-बाल्टिस्तान का इलाका भारत में होता या एक स्वतंत्र देश होता तो अमेरिका चीन को करारा जवाब देने में सक्षम होता. अमेरिकी फौज अफगानिस्तान में हथियार पहुंचाने के लिए पाकिस्तान पर निर्भर नहीं रहती.