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उद्योग-धंधों की सफलता पर निर्भर करेगी जीडीपी की ग्रोथ

लखीमपुर खीरी । आरबीआई ने त्योहारों से पहले ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है, जिससे उद्यमियों,व्यापारियों के साथ ही लोगों को निराशा हाथ लगी है। रेपो रेट चार फीसदी और रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी बना रहेगा, जिससे इस वर्ष लोगों को कर्ज के सस्ता होने की उम्मीद खत्म हो गई है। इससे दिवाली पर बड़े आइटमों की खरीदारी की योजना बना रहे लोगों को झटका लगा है। हालांकि आर्थिक मामलों के जानकारों का मानना है कि आरबीआई के इस फैसले से जीडीपी में वर्ष की अंतिम तिमाही में सुधार आएगा। जिला अग्रणी बैंक प्रबंधक (एलडीएम) जितेंद्र नाथ श्रीवास्तव ने बताया कि कोरोना काल में उद्योग-धंधे बुरी तरह प्रभावित हुए हैं, जिनकी स्थिति में जुलाई से थोड़ा सुधार आना शुरू हुआ है। हालांकि अब भी पिछले वर्ष की भांति तीसरी तिमाही (अक्तूबर से दिसंबर) जीडीपी ग्रोथ होने की उम्मीद नहीं है, लेकिन अंतिम तिमाही (जनवरी से मार्च) में सुधार होने की उम्मीद है। ब्याज दरों में कोई परिवर्तन न होने से रियल स्टेट और आटोमोबाइल क्षेत्र में सुधार की गति थोड़ी धीमी रह सकती है। दोपहिया, कार, ट्रैक्टर आदि की खरीदारी अक्सर लोग फाइनेंस के माध्यम से करते हैं, लेकिन इस बार ब्याज दरों में कोई रियायत न मिलने से लोगों को बैंक से लोन लेने के लिए होमवर्क करना होगा। एलडीएम ने बताया कि जनपद में कृषि आधारित उद्योग धंधे संचालित हैं, जिन पर जीडीपी में सुधार का काफी दारोमदार रहेगा। उन्होंने बताया कि चीनी मिलों, राइस मिलों और प्लाईवुड फैक्ट्रियों की स्थिति में सुधार आने के साथ ही किसानों की हालत में सुधार आएगा।

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