बिहार

वाराणसी से शुरू हुआ गंगा विलास (Ganga Vilas)क्रूज डिब्रूगढ़ तक की यात्रा पर

नई दिल्‍ली. गंगा नदी में वाराणसी से डिब्रूगढ़ के लिए रवाना हुआ ‘गंगा विलास (Ganga Vilas) क्रूज’ क्‍या बिहार में फंस गया है? इस तरह की सभी अटकलों पर ताजा अपडेट देते हुए अधिकारियों ने कहा कि ऐसी खबरों में सच्‍चाई नहीं है. यह क्रूज अपने तय कार्यक्रम के अनुसार ही आगे बढ़ रहा है और इसके बिहार में फंस जाने की खबरों पर ध्‍यान नहीं दें. यह क्रूज दुनिया की सबसे लंबी रिवर क्रूज यात्रा पर है. अधिकारियों ने बताया कि 16 जनवरी को दोपहर में क्रूज बिहार के छपरा में पहुंचा और इस पर सवार सैलानियों ने यहां कुछ समय बिताया. इसी बीच खबरें आईं कि क्रूज फंस गया है. इसके बाद SDRF की टीमें बुलवाई गईं. पीपा पुल को खोला गया, जहां से क्रूज आगे रवाना हुआ.

भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण-नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने भी क्रूज के फंस जाने की खबरों का खंडन किया है. इसके चेयरमैन संजय बंदोपाध्याय ने कहा, ‘गंगा विलास क्रूज अपने तय कार्यक्रम के अनुसार पटना पहुंच गया है. उसके छपरा में फंसने की खबरों में बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है.’ उन्‍होंने भरोसा जताते हुए कहा कि यह अपने निर्धारित समय के अनुसार अपनी आगे की यात्रा जारी रखेगा.
नियमित एहतियाती उपाय के तौर पर एसडीआरएफ की बोट्स
इधर, छपरा के सीओ सतेंद्र सिंह ने कहा कि स्थानीय पत्रकारों ने पहले इस घटना को लेकर उन्हें गलत तरीके से पेश किया था. समाचार एजेंसी एएनआई को उन्‍होंने बताया कि ‘स्थानीय पत्रकारों ने मुझे गलत बताया था. सूचना मिलने पर एहतियाती कदम के रूप में एसडीआरएफ (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) की नावें घटनास्थल पर थीं. क्रूज को लेकर कहीं कोई बाधा नहीं है. नियमित एहतियाती उपाय के तौर पर एसडीआरएफ की बोट्स ‘जिला अधिकारियों द्वारा’ मुहैया कराई गई थीं.

क्रूज नदी के उथले किनारों तक नहीं जा सकता
समूह के अध्यक्ष राज सिंह ने एएनआई को बताया कि क्रूज फंसा नहीं है. दरअसल तकनीकी रूप से यह नदी के उथले किनारे पर नहीं जा सकता. इसलिए ‘(जहां) नदी गहरी नहीं है, वहां यात्रियों को साइट पर उतरने और देखने के लिए उथली नावों का उपयोग करना पड़ता है. पीएम मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए दुनिया के सबसे लंबे रिवर क्रूज – एमवी गंगा विलास को हरी झंडी दिखाई थी.

 

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