main slideउत्तर प्रदेशप्रमुख ख़बरेंबडी खबरेंराज्यलखनऊ

Rejuvenation : प्रदेश के 19 जिलों को केंद्र सरकार का तोहफा, जाने पूरी खबर

लखनऊ। Rejuvenation : प्रदेश के 19 जिलों को केंद्र सरकार का तोहफा, जाने पूरी खबर… मध्यांचल के उन्नीस जिलों में आने वाले बिजली उपकेंद्रों की स्थिति बहुत जल्द सुधरेगी। इसकी कवायद शुरू कर दी गई है। पहले चरण में आरमार्ड तार और फिर प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। इसके बाद चरणबद्ध तरीके से बिजली उपकेंद्रों की कायाकल्प की जाएगी। यह सब कुछ केंद्र सरकार की रिवेंपेड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) योजना के तहत किया जाएगा। योजना को पूरा होने में कई साल भले लग सकते हैं, लेकिन आने वाले दो से ढाई दशक तक बिजली का संकट पूरी तरह से खत्म हो जाएगा।

gyanvapi makeup gauri episode : ज्ञानवापी मस्जिद मामले में जिला जज की अदालत…

यही नहीं ओवर लोडेड ट्रांसफार्मर, जलती हुई एबीसी और स्वीकृत लोड से अधिक बिजली खर्च करने पर घर की बिजली ट्रिप हो जाएगी। कुल मिलाकर व्यवस्थाओं में और पारदर्शिता आएगी। उपभोक्ता चोरी नहीं कर सकेगा और अभियंता बेहतर आपूर्ति देने के लिए बाध्य होंगे।

Rejuvenation : वर्तमान में घनी आबादी को बिजली चोरी रोकने के लिए आरमार्ड केबल का जल्द काम शुरू होगा

मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अनिल ढीगरा ने बताया कि लखनऊ सहित अन्य जिलों के उन बिजली उपकेंद्रों को पहले चरण में लिया जाएगा, जो पूरी क्षमता से काम कर रहे हैं और वहां पावर ट्रांसफार्मर की जरूरत है। इसके अलावा कम स्थान में बेहतर बिजली उपकेंद्र भविष्य को देखते हुए कैसे बनाए जाए, इस पर भी काम किया जाएगा।

Political Upheaval : बिहार की सियासत में कुछ बड़ा होने की उम्मीद, जाने क्या बोले नीतीश…

वर्तमान में घनी आबादी को बिजली चोरी रोकने के लिए आरमार्ड केबल का जल्द काम शुरू होगा, इसके अलावा आने वाले चंद माह में घर घर प्री पेड स्मार्ट मीटर लगाने का काम होगा, इन सभी काम में उपभोक्ताओं का सहयोग बेहद जरूरी होगा। क्योंकि बिजली व्यवस्था में सुधार बिना उपभोक्ता के सहयोग से संभव नहीं है। वर्तमान में राजधानी के शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में करीब सवा सौ बिजली उपकेंद्र हैं। इसके अलावा दो दर्जन से अधिक बिजली उपकेंद्रों की आने वाले चंद सालों में जरूरत है।

Rejuvenation : वर्तमान में दस बिजली उपकेंद्र राजधानी को चाहिए

वर्तमान में दस बिजली उपकेंद्र राजधानी को चाहिए। अन्यथा आने वाले चंद सालों में बिजली संकट तय है। क्योंकि गोमती नगर जैसे वीआइपी क्षेत्र के अधिकांश बिजली उपकेंद्र पूरी क्षमता से चल रहे हैं। लखनऊ विकास प्राधिकरण से मिली नए बिजली उपकेंद्रों की जमीन पर अभी तक बिजली विभाग के अभियंता कब्जा तक नहीं ले पाए हैं। यही नहीं अमीनाबाद, बिजनौर, गेहरु सहित आधा दर्जन बिजली उपकेंद्रों का काम शुरू तक नहीं हुआ है। अब आरडीएसएस के तहत बिजली उपकेंद्रों का कायाकल्प करने की तैयारी की जा रही है।

Show More

यह भी जरुर पढ़ें !

Back to top button