फ्रांस ने सभी राफेल (all Rafale) की डिलीवरी कर दी

नई दिल्ली: फ्रांस से हुए सौदे के तहत लड़ाकू विमान राफेल की आज यानी गुरुवार को डिलीवरी पूरी गई. भारत में आखिरी और 36वें राफेल विमान की लैंडिंग के साथ ही देश को 36 राफेल लड़ाकू (all Rafale) मिल गए. राफेल यूएई में मिड-एयर रिफ्यूलिंग कराने के बाद भारत पहुंचा है. बता दें कि भारत ने सितंबर 2016 में फ्रांस के साथ 59,000 करोड़ रुपये की लागत से 36 राफेल विमान खरीदने के लिए एक अंतर-सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. पहला राफेल विमान पिछले साल जुलाई महीने में देश में आया था.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, 36 राफेल विमानों में से आखिरी राफेल भारत पहुंचने के लिए फ्रांस से उड़ान भरने के बाद यूएई एयरक्राफ्ट से आसमान में ही इंधन प्राप्त किया और इसके बाद भारत में उसकी लैंडिंग हुई. इसकी जानकारी भारतीय वायुसेना ने दी है. बता दें कि फ्रांस सरकार ने 35 राफेल विमानों की पूर्ति कर दी थी और 36वें के लिए काफी समय से इंतजार हो रहा था.
अब देखने वाली बात होगी कि इस आखिरी राफेल विमान की तैनाती कहां होती है. इससे पहले भारत आ चुके 35 राफेल विमानों को हरियाणा के अंबाला और पश्चिम बंगाल के हाशिमारा एयरफोर्स स्टेशन पर तैनात किया गया है. बताया गया कि 36वें राफेल में इसलिए देरी हुई क्योंकि इसमें कुछ और लेटेस्ट तकनीक का इस्तेमाल किया गया है.
क्या हैं राफेल विमान की खासियतें?
राफेल विमान एक मिनट में 60 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है. इसकी ईंधन क्षमता करीब 17 हजार किलोग्राम है.
राफेल की मारक क्षमता 3700 किलोमीटर तक है. स्काल्प की रेंज 300 किलोमीटर है.
राफेल विमान एक बार में 24,500 किलो तक का वजन ले जा सकता है.
यह विमान 60 घंटे की अतिरिक्त उड़ान भी भर सकता है.
राफेल लड़ाकू विमानों की गति 2,223 किलोमीटर प्रति घंटा है.
राफेल विमान 300 किलोमीटर की रेंज से हवा से जमीन पर हमला करने में सक्षम है.
राफेल विमान 14 हार्ड पॉइंट के जरिए भारी हथियार भी गिराने की क्षमता रखता है.
राफेल लड़ाकू विमान हर तरह के मौसम में एक साथ कई काम करने में सक्षम है. इसे मल्टिरोल फाइटर एयरक्राफ्ट के नाम से भी जाना जाता है.
मल्टी टास्कर होने की वजह से राफेल एक ऐसा विमान है, जिसे किसी भी तरह के मिशन पर भेजा जा सकता है. भारतीय वायुसेना को इसकी काफी वक्त से जरूरत थी.
यह ऐंटी शिप अटैक से लेकर परमाणु अटैक, क्लोज एयर सपॉर्ट और लेजर डायरेक्ट लॉन्ग रेंज मिसाइल अटैक में भी अव्वल है.