
नई दिल्ली । प्रवर्तन निदेशालय (former chairman) (ED) ने मंगलवार को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के पूर्व चेयरमैन (former chairman) रवि नारायण को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी अवैध फोन टैपिंग और को-लोकेशन स्कैम में की गई है। 25 फरवरी को CBI ने सेबी की रिपोर्ट में “ताजा तथ्यों” के बाद एक्सचेंज में घोटाले में अपनी जांच का विस्तार करने के बाद NSE समूह के पूर्व संचालन अधिकारी आनंद सुब्रमण्यम को गिरफ्तार किया था।
ED सूत्रों के मुताबिक, फोन टैपिंग मामले में एजेंसी ने उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन वे नहीं गए। एजेंसी का कहना है कि नारायण जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे। ED ने इस मामले में नई दिल्ली स्थित ISEC सर्विस प्राइवेट लिमिटेड, उसके अधिकारियों और डायरेक्टर्स, आनंद नारायण, अरमान पांडेय, मनीष मित्तल, तब सीनियर इन्फर्मेशन सिक्युरिटी एनालिस्ट रहे नमन चतुर्वेदी, NSE के एक्जिक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट रवि वाराणसी, परिसर प्रमुख महेश हल्दीपुर और अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था।
इसके बाद निजी कंपनी ने फोन टैपिंग के लिए मशीनें इन्स्टॉल कीं, जो कि इंडियन टेलीग्राफ एक्ट का उल्लंघन है। आरोप यह भी है कि इस फोन टैपिंग से पहले कंपनी ने टेलीग्राफ एक्ट के तहत संबंधित अधिकारियों से मंजूरी भी नहीं ली थी।नारायण 1993 से 2014 के दौरान NSE के कई पदों पर रहे। इसी मामले में ED ने पहले मुंबई पुलिस कमिश्नर संजय पांडेय को गिरफ्तार किया था। NSE की चीफ चित्रा रामकृष्णन से भी ED ने इस मामले में पूछताछ की थी। वे अभी एजेंसी की कस्टडी में हैं। ED ने CBI की FIR के आधार पर इन लोगों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर जांच शुरू की थी।