पूर्व सीईओ चंदा कोचर(Chanda Kochhar), पति दीपक 3 दिन की सीबीआई हिरास्त में

मुंबई. आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर (Chanda Kochhar) और उनके पति दीपक कोचर को विशेष अदालत ने तीन के लिए सीबीआई की हिरासत में भेज दिया है. वीडियोकॉन-आईसीआईसीआई बैंक धोखाधड़ी के इस केस सीबीआई ने शुक्रवार को दोनों को गिरफ्तार किया था. इसके बाद सीबाआई ने अदालत से दोनों आरोपियों की तीन दिन की कस्टडी मांगी थी. बताया जा रहा है कि चंदा और दीपक कोचर के साथ-साथ सीबीआई ने वीडियोकॉन समूह के वेणुगोपाल धूत को भी गिरफ्तार किया है.
गौरतलब है कि यह मामला करीब 3250 करोड़ रुपये के लोन से जुड़ा हुआ है. आरोप है कि आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन समूह को यह लोन देने में अनियमितताएं की थीं. जब यह धोखाधड़ी हो रही थी उस वक्त चंदा कोचर बैंक की सीईओ थीं. इस मामले में बवाल फरवरी 2019 में तब मचा जब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आपराधिक मुकदमा दर्ज किया. इसके तहत ही आरोपियों पर कार्रवाई की गई. चंदा कोचर पर भेदभाव और वीडियोकॉन समूह को लाभ पहुंचाने के आरोप हैं.
आरोप- नियमों को ताक पर रखकर दिए गए लोन
आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन ग्रुप और उनसे संबंधित कंपियों ने 1875 करोड़ रुपये का लोन दिया. यह लोन साल 2009 से 2011 के बीच दिया गया. इसके अलावा नूपावर रिन्यूएबल्स, सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड को भी लोन दिए गए. जानकारी के मुताबिक, यह लोन पूरी तरह नियमों को ताक पर रखकर दिए गए. यहां तक कि यह लोन देते वक्त आईसीआईसीआई बैंक की पॉलिसी का भी ध्यान नहीं रखा गया.
चंदा कोचर के पति को पहुंचाया लाभ- जांचकर्ता
इसके कुछ ही महीनों बाद वेणुगोपाल धूत की सु्प्रीम एनर्जी ने नूपावर रिन्युएबल्स को 64 करोड़ रुपये का लोन दिया. इस कंपनी में चंदा कोचर के पति दीपक कोचर का 50 फीसदी हिस्सा है. जांचकर्ताओं का आरोप है कि यह लोन एक-दूसरे को लाभ पहुंचाने के लिए दिया गया. साल 2017 के जून महीने में वीडियोकॉन ग्रुप को दिए गए कई लोन NPA हो गए.
ट्रेनी से सीईओ बनीं चंदा कोचर
फोर्ब्स मैग्जीन की ‘दुनिया की सबसे शक्तिशाली महिलाओं’ की सूची में शुमार रह चुकीं चंदा कोचर ने 1984 में बतौर ट्रेनी आईसीआईसीआई बैंक ज्वाइन किया था. 2009 में चंदा कोचर को बैंक का सीईओ और एमडी बनाया गया था.