विदेश मंत्री यूरोप दौरे पर रवाना: फ्रांस समेत कई देशों में जाएंगे एस जयशंकर

नई दिल्ली -: विदेश मंत्री एस जयशंकर 8 से 14 जून तक यूरोप दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वे फ्रांस, यूरोपीय संघ और बेल्जियम के शीर्ष नेताओं से मुलाकात करेंगे। यात्रा का उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती देना, वैश्विक चुनौतियों पर सहयोग बढ़ाना और आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति को स्पष्ट करना है। य दौरा भारत के प्रमुख साझेदारों के साथ रणनीतिक सहयोग मजबूत करने की दिशा में एक अहम पहल मानी जा रही है। जयशंकर सबसे पहले फ्रांस जाएंगे। फ्रांस को भारत का करीबी साझेदार और ऑल-वेदर फ्रेंड माना जाता है। जयशंकर फ्रांस में पेरिस और मार्सिले का दौरा करेंगे। वहां वे अपने समकक्ष यूरोप और विदेश मामलों के मंत्री जीन-नोएल बैरोट के साथ बातचीत करेंगे। वे मार्सेिले में मेडिटेरेनियन रायसीना डायलॉग के पहले संस्करण में हिस्?सा लेंगे।
वे यूरोपीय आयोग और यूरोपीय संसद के वरिष्ठ नेताओं से भी मिलेंगे और थिंक टैंक और मीडिया से बातचीत करेंगे। फ्रांस के बाद विदेश मंत्री का अगला पड़ाव ब्रुसेल्स होगा। वहां वे यूरोपीय संघ की उच्च प्रतिनिधि काजा कलास के साथ उच्च स्तरीय रणनीतिक वार्ता करेंगे। इसके बाद वे बेल्जियम जाएंगे। वहां वे उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मैक्सिम प्रेवोट से द्विपक्षीय चर्चा करेंगे और अन्य शीर्ष नेताओं से भी मुलाकात करेंगे। विदेश मंत्रालय के अनुसार, दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश, दवा, हीरा, हरित ऊर्जा और तकनीकी क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा होगी। विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत और फ्रांस ने रणनीतिक साझेदारी के 25 वर्ष पूरे कर लिए हैं और हमारे संबंध गहरे विश्वास और प्रतिबद्धता पर आधारित हैं।
मंत्रालय ने कहा, भारत-यूरोपीय संघ रणनीतिक साझेदारी पिछले कुछ वर्षों में विविध क्षेत्रों में मजबूत हुई है। बेल्जियम के साथ भारत के संबंधों में न केवल आर्थिक साझेदारी बल्कि जन-सामान्य के स्तर पर भी गहराई है। मंत्रालय के अनुसार यह यात्रा भारत और इन तीनों साझेदारों के संबंधों को और गहरा बनाएगी। ये दौरा ऐसे वक्त हो रहा है, जब ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने आतंकवाद पर पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए विदेशों में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजा है। विदेश मंत्री भी यात्रा के दौरान पाकिस्तान की पोल खोल सकते हैं।
वहीं, पाकिस्तान के साथ संघर्ष में भारत के राफेल विमानों को लेकर कई तरह की चर्चाएं हैं। भारत ने राफेल विमान फ्रांस से लिए हैं। ऐसे में इसे लेकर भी कुछ बातचीत हो सकती है। पाकिस्तान का दावा है कि भारत के साथ संघर्ष के दौरान उसने राफेल मार गिराए हैं। सीडीएस अनिल चौहान ने इसकी पुष्टि की है, लेकिन अभी इनकी संख्या सामने नहीं आई है। इसके बाद चीन समर्थित मीडिया रिपोर्ट्स में राफेल की गुणवत्ता और भारत-फ्रांस संबंधों पर कई टिप्पणियां की जा रही हैं। फ्रांस में भी इस बारे में सवाल उठाए जा रहे हैं। इस नजरिए से विदेश मंत्री की यात्रा काफी अहम है।