भारत के इतिहास में पहली बार स्वतंत्रता दिवस के मौके पर स्वदेशी तोपों(indigenous guns ) से सलामी
आजादी की 75वीं वर्षगांठ- आजाद भारत के इतिहास में पहली बार स्वतंत्रता दिवस के मौके पर स्वदेशी तोपों (indigenous guns ) से सलामी दी जाएगी. सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत डीआरडीओ ने एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम को विकसित किया है. इन तोपों की मदद से 15 अगस्त के मौके पर लाल किले पर 21 बार सलामी दी जाएगी.
15 अगस्त पर अब तक हर साल 25 पाउंडर ब्रिटिश गन से सलामी दी जाती है लेकिन इस बार डीआरडीओ द्वारा विकसित तोपों से सलामी दी जाएगी.
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन की पुणे स्थित एक टीम ने वैज्ञानिकों और सैन्य अधिकारियों के नेतृत्व में इन तोपों को विकसित किया है.
डीआरडीओ के एक अधिकारी ने कहा कि, आजादी की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर फोल्डिंग तोपें देश के लिए सबसे बड़ा गिफ्टहोंगी. ये दुनिया में सबसे अधिक रेंज की तोपें हैं और 45 से 48 किलोमीटर तक अपने टारगेट को भेदने की क्षमता रखती है.
सबसे खास बात है कि इन तोपों का निर्माण देश में ही किया गया है और इस स्वदेशी हथियार की मदद से स्वतंत्रता दिवस के मौकेपर 21 तोपों की सलामी दी जाएगी.