बदलते मौसम में बीमार होने से बचने के लिए अपनाएं ये तरीके
बदलता मौसम में बीमार होने की संभावना बढ़ जाती है, लेकिन अगर आप चाहें तो इस धारणा को बदल सकते हैं। दरअसल, बदलते मौसम की मार उन्हीं लोगों को झेलनी पड़ती है जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। आइए आज हम आपको बताते हैं कि आप किस तरह से खुद को बदलते मौसम में बीमार होने से बचा सकते हैं ताकि आप दिवाली जैसे आने वाले त्योहारों का जमकर लुत्फ उठा सकें। बदलते मौसम में हम बीमार क्यों पड़ते हैं?कई विशेषज्ञों का मानना है कि मौसम परिवर्तन के दौरान बीमारी होने का प्रमुख कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता का कमजोर होना है।
इसके अलावा, जब भी मौसम में बदलाव होता है तो कई तरह के वायरस तेजी से हमला करने लगते हैं, जिसके परिणामस्वरूप बीमार पडऩे वाले लोगों की संख्या में वृद्धि होती है। इसलिए विशेषज्ञ रोग प्रतिरोधक को मजबूत करने वाली बात पर ज्यादा जोर देते हैं। क्या हैं मौसमी बीमारियों के लक्षण?बहती नाक, गले में खराश, ठंड लगना, शारीरिक दर्द और बुखार होने सबसे आम लक्षण हैं जो आप मौसमी बीमारी के दौरान अनुभव कर सकते हैं। कुछ लोगों को इसके कारण थकान और चक्कर आने की समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि बीमारी के दौरान शरीर को रोजाना के कार्य करने और तापमान बनाए रखने के लिए अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
इस दौरान होने वाला तेज बुखार किसी गंभीर स्थिति का संकेत दे सकता है। बदलते मौसम में बीमार होने से कैसे बचें?अगर आप बदलते मौसम के नकारात्मक प्रभाव से बचना चाहते हैं तो आपको रोजाना संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए और रोजाना पर्याप्त नींद लेनी चाहिए। इसके अलावा, नियमित रूप से एक्सरसाइज करनी चाहिए, क्योंकि यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूती और शारीरिक ऊर्जा बढ़ाने में सहायक है। पानी की खपत बढ़ाएं, फिर चाहे मौसम कोई भी हो। हमेशा 2.5 लीटर से अधिक पानी का सेवन करें। रोजाना सुबह कुछ मिनट धूप में रहें। बदलते मौसम के दौरान अपने शरीर को समझेंबदलते मौसम में अपने शरीर पर अतिरिक्त ध्यान दें।
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उदाहरण के लिए देर शाम या रात को नहाना बंद कर दें, मौसम के हिसाब से ऊनी कपड़े पहनें, एयर कंडीशनर को चालू न करें और ठंडे पानी का सेवन करने से बचें। बीमार पडऩे पर क्या करें?अगर आप पहले से ही बदलते मौसम के कारण बीमार पड़ चुके हैं तो डॉक्टर से परामर्श करना सबसे अच्छा है। हालांकि, आप घरेलू उपचार के रूप में गर्म पानी पीना और फल खाना शुरू कर सकते हैं। जिंक और विटामिन- सी, विटामिन- डी और विटामिन- ए जैसे पोषक तत्वों से युक्त पौष्टिक भोजन करें। समय-समय पर अपने शरीर के तापमान की जांच करते रहें और दूसरों से दूरी बनाए रखने समेत पर्याप्त आराम करें।