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असम Assamमें बाढ़ का सितम जारी

गुवाहाटी. असम Assamमें बुधवार को बाढ़ की स्थिति में सुधार आया, लेकिन इसमें एक और व्यक्ति की जान चली गई तथा छह जिलों में करीब 83,000 लोग अब भी इस प्राकृतिक आपदा से प्रभावित हैं. एक सरकारी बुलेटिन में यह जानकारी दी गई. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ग्वालपारा जिले के रोंगजुली में बाढ़ के कारण एक व्यक्ति की मौत हो गई. इस साल बाढ़ की वजह से राज्य में अबतक सात लोगों की मौत हो चुकी है.

प्राधिकरण के अनुसार, बारपेटा, कामरूप, लखीमपुर, नलबारी, सोनितपुर और उदालगुरी जिलों में 82,900 से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. इसने बताया कि बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित बारपेटा हुआ है, जहां 60,700 लोग प्रभावित हुए हैं. प्राधिकरण के अनुसार, लखीमपुर में 18,600 से अधिक और सोनितपुर में करीब 1,400 लोग बाढ़ की विभीषिका झेल रहे हैं. मंगलवार तक राज्य के सात जिलों में करीब एक लाख 20 हजार लोग बाढ़ से प्रभावित हुए.

रिपोर्ट के मुताबिक, असम के कुल 12 जिले बाढ़ की चपेट में हैं, जिनमें बजाली, बारपेटा, बिश्वनाथ, दरांग, धेमाजी, गोलपारा, जोरहाट, कामरूप, लखीमपुर, नलबाड़ी, सोनितपुर और तामुलपुर शामिल हैं. बाढ़ रिपोर्टिंग और सूचना प्रबंधन प्रणाली (एफआरआईएमएस) की रिपोर्ट के मुताबिक, 20 राजस्व मंडल और 395 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं.

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि राज्य के 78 जिलों या उप-मंडलों में 106 राहत शिविर खोले गए हैं और राज्य के 6 जिलों में प्रभावित जानवरों की कुल संख्या 65,759 है. रिपोर्ट में बताया गया है कि 5 जिलों में कुल 5 मेडिकल टीमें तैनात की गई हैं. विश्वनाथ और सोनितपुर जिलों में 2 तटबंध टूट गए हैं. इसके अलावा, रिपोर्ट में राज्य में क्षतिग्रस्त सड़कों की संख्या का भी उल्लेख किया गया है, जिसमें बक्सा में 2 और बारपेटा में 22 हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक, असम के कुल 12 जिले बाढ़ की चपेट में हैं, जिनमें बजाली, बारपेटा, बिश्वनाथ, दरांग, धेमाजी, गोलपारा, जोरहाट, कामरूप, लखीमपुर, नलबाड़ी, सोनितपुर और तामुलपुर शामिल हैं. बाढ़ रिपोर्टिंग और सूचना प्रबंधन प्रणाली (एफआरआईएमएस) की रिपोर्ट के मुताबिक, 20 राजस्व मंडल और 395 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं.

प्राधिकरण ने एक दिन पहले कहा था कि ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियों में जलस्तर घट रहा है तथा ये नदियां अब कहीं भी खतरे के निशान से ऊपर नहीं बह रही हैं. प्रशासन कामरूप जिले में एक राहत शिविर संचालित कर रहा है, जहां चार लोगों ने शरण ले रखी है. प्रशासन छह जिलों में 105 राहत वितरण केंद्र संचालित कर रहा है. प्राधिकरण के अनुसार, बाढ़ के कारण 395 गांव जलमग्न हो गए हैं, जबकि 1859.91 हेक्टेयर क्षेत्र में लगी फसल बर्बाद हो गई है.
एक दिन पहले कहा था कि ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियों में जलस्तर घट रहा है तथा ये नदियां अब कहीं भी खतरे के निशान से ऊपर नहीं बह रही हैं. प्रशासन कामरूप जिले में एक राहत शिविर संचालित कर रहा है, जहां चार लोगों ने शरण ले रखी है. प्रशासन छह जिलों में 105 राहत वितरण केंद्र संचालित कर रहा है. प्राधिकरण के अनुसार, बाढ़ के कारण 395 गांव जलमग्न हो गए हैं, जबकि 1859.91 हेक्टेयर क्षेत्र में लगी फसल बर्बाद हो गई है.

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