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मौनी अमावस्‍या पर एक लाख तक पहुंची फ्लाइट टिकट की कीमत,आसमान से उतरी : घट गया किराया !

महाकुंभ नगर -: श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ने से मौनी अमावस्या पर एक लाख पार हो चुका विमानों का किराया आसमान से नीचे उतर आया है, लेकिन अभी भी सामान्य आदमियों की सामर्थ्य से बाहर है। महाकुंभ 2025 के लिए प्रयागराज आने वाले श्रद्धालुओं के लिए अच्छी खबर है। मौनी अमावस्या पर आसमान छूने वाले विमान किराए में गिरावट आई है लेकिन अभी भी आम आदमी की पहुंच से बाहर है। चेन्नई से प्रयागराज का किराया अब 39 हजार और वापसी का 16 हजार रुपये है। मुंबई से प्रयागराज का किराया 21 हजार और वापसी की उड़ान 11 हजार रुपये में उपलब्ध है। चेन्नई से प्रयागराज का किराया अब 39 हजार और वापसी का 16 हजार रुपये है। किराया घटा तो लेकिन अपने वास्तविक और औसत किराये के आसपास अभी नहीं पहुंचा है। अब मुंबई से प्रयागराज का किराया 21 हजार और प्रयागराज से वापसी की उड़ान 11 हजार रुपये में उपलब्ध है।
सामान्य दिनों में छह हजार के आस-पास किराया
मुंबई से प्रयागराज का किराया सामान्य दिनों में छह हजार के आस-पास ही रहता है। वर्तमान में यह तीन गुना अभी भी महंगा है। मौनी अमावस्या से पूर्व यह 50 हजार का आंकड़ा पार कर गया था। छह फरवरी को दिल्ली से 13 हजार है, बेंगलुरु से 39 हजार, हैदराबाद से 40 हजार किराया है। यह क्रम अन्य शहरों की उड़ानों का भी है।

कितना है किराया

  • कहां से कहां तक-किराया
  • चेन्नई-प्रयागराज-39,644
  • प्रयागराज- चेन्नई-16,138
  • अहमदाबाद-प्रयागराज-37,867
  • प्रयागराज-अहमदाबाद-17,240
  • मुंबई-प्रयागराज – 24,576
  • प्रयागराज-मुंबई- 10,057
  • बेंगलुरु-प्रयागराज-39,827
  • प्रयागराज-बेंगलुरु-14,919
  • दिल्ली-प्रयागराज-13,094
  • प्रयागराज-दिल्ली-9,689
  • गुवाहाटी-प्रयागराज-11,191
  • प्रयागराज-गुवाहाटी-11,501
  • चेन्नई-प्रयागराज – 39,644
  • प्रयागराज-चेन्नई-16,138
  • कोलकाता-प्रयागराज-16,727
  • प्रयागराज-कोलकाता-9,112
  • हैदराबाद-प्रयागराज – 5,428
  • प्रयागराज-हैदराबाद-12,892
  • पुणे-प्रयागराज-28,152
  • प्रयागराज-पुणे-16,019

कहां के लिए मिल रहीं फ्लाइट

प्रयागराज एयरपोर्ट से 27 शहरों के लिए बुकिंग हो रही है। इनमें से सीधी उड़ानों के साथ कनेक्टिंग फ्लाइट भी हैं। स्पाइस जेट, एयर इंडिया, अकासा एयर, इंडिगो, एलाइंस एयर यहां से उड़ाने उपलब्ध करा रही है। इसमें अहमदाबाद, मुंबई, बेंगलुरु, दिल्ली, श्रीनगर, जम्मू, जयपुर, गुवाहाटी, चेन्नई, कोलकाता, कोलकाता, भुवनेश्वर, हैदराबाद, रायपुर, लखनऊ, पुणे, अहमदाबाद, भोपाल, नागपुर आदि के लिए विमान सुविधा उपलब्ध है।

परमार्थ निकेतन त्रिवेणी पुष्प में विद्वत कुंभ कल से
महाकुंभ नगर : राष्ट्र के नवनिर्माण, धर्म और संस्कृति का रंग चटख करने के लिए महाकुंभ सुनहरा अवसर है। इसका लाभ उठाते हुए परमार्थ निकेतन, अरैल स्थित परमार्थ त्रिवेणी पुष्प में तीन दिवसीय ””विद्वत कुंभ”” सात, आठ और नौ फरवरी को करेगा। धार्मिक, शिक्षाविद्, कला संस्कृति, लेखन और धरोहर प्रबंधन से संबंधित विशिष्ट लोगों से इस आयोजन में एक ऐसा पथ निकालने की परमार्थ निकेतन कोशिश करेगा, जिस पर चलते हुए भारत विश्व गुरु बनने की ओर कदम बढ़ाएगा। विद्वत कुंभ का संयोजन मालिनी अवस्थी करेंगी।परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने बताया कि इसमें जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य का सान्निध्य रहेगा, पद्म विभूषण डा. सोनल मान सिंह, अभिनेता पंकज त्रिपाठी, पद्मश्री डा. विद्या बिंदु सिंह, पद्मश्री शेखर सेन, लोकगायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी, पद्मश्री प्रतिभा प्रहलाद, संत मिथिलेश नंदिनी, इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव, लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय, नृत्यांगना रमा वैद्यनाथन, जे. नंदकुमार जैसे विद्वान शामिल होंगे।

निरंजनी अखाड़ा के गुरु भाइयों ने किया स्नान

निरंजनी अखाड़े के गुरु भाइयों (नए संतों) ने बुधवार को संगम के पवित्र जल में डुबकी लगाई। ओम पार्वती पतय, हर हर महादेव का उद्घोष करते हुए संतों का समूह संगम गया। महामंडलेश्वर स्वामी महेशानंद गिरि के नेतृत्व में अखाड़े की ध्वजा और बैंड बाजो के साथ संगम पर चौथे अमृत स्नान के लिए संतों का समूह निकला।

                                                                        गुरु भाइयों के साथ अखाड़े के तीन सचिव, 16 थानापति भी स्नान करने गए।विभिन्न मार्गों से होते हुए संतों का समूह संगम पहुंचा। वहां स्नान करने के बाद गंगा पूजन हुआ। इसके बाद अखाड़े की छावनी में आकर आराध्य की स्तुति की। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी ने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ मं चौथा स्नान विशेष रूप से अखाड़े के संत महापुरुषों ने श्रद्धां भाव से किया। अखाड़े सनातन की गुरु परंपराओं के अनुरूप अपने सभी कार्य करते हैं।

अखाड़े के सचिव श्रीमहंत राम रतन गिरि ने बताया कि गुरु परंपरा के अनुसार तीन अमृत स्नान के पश्चात अखाड़े में चौथा स्नान किया जाता है। इसमें उन संतों को शामिल करते हैं जो नए-नए दीक्षित होते है। इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद पुरी, श्रीमहंत शंकारानंद सरस्वती, महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरि, महामंडलेश्वर स्वामी अनंतानंद, महंत ओमकार गिरि, महंत दिनेश गिरि, महंत राधे गिरि आदि मौजूद रहे।

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