गन्ना मूल्य का भुगतान नहीं हो पाने से किसान परेशान, चीनी मिलों पर 471.5 करोड़ बकाया
हापुड़। गन्ना किसानों को चीनी मिलों को गन्ना बेचे जाने के कई माह बाद भी उसके मूल्य का भुगतान नहीं मिल पाया है। गन्ना मूल्य नहीं मिल पाने के कारण किसान आर्थिक तंगी से जूझने को मजबूर हो रहे हैं। जनपद की दोनों चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का लगभग पांच माह बाद भी 471.5 करोड़ से अधिक रुपया बकाया है। इस धन को पाने के लिए किसान दर-दर भटकने के लिए मजबूर हैं। जनपद में एक चीनी मिल सिभावली में स्थित है और दूसरी ब्रजनाथपुर में है। इन चीनी मिलों के पेराई सत्र को बंद हुए लगभग तीन माह का समय हो चुका है। अभी तक इन चीनी मिलों ने गन्ना किसानों का पूरा भुगतान नहीं किया गया है। हालांकि प्रदेश सरकार ने प्रदेश की सभी चीनी मिलों को किसानों को उनके गन्ना मूल्य का 14 दिनों के अंदर भुगतान करने के के निर्देश दिए थे। किसानों को अभी तक चीनी मिल को 2019-20 के पेराई सत्र में बेचे गए गन्ने के मूल्य का केवल 25 प्रतिशत राशि का ही भुगतान हो पाया है। किसानों का सिम्भावली चीनी मिल पर लगभग 373.29 करोड़ रुपये बकाया हैं, जबकि ब्रजनाथपुर चीनी मिल पर लगभग 98.21 करोड़ रुपये बकाया है। इस तरह दोनों चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का लगभग 471.5 करोड़ रुपये बकाया है। क्या कहते हैं किसान- गन्ना मूल्य का भुगतान नहीं मिल पाने के कारण जनपद के गन्ना किसान परेशान हैं। उनकी बात कोई भी सुनने के लिए तैयार नहीं है। किसान की मजबूरी है कि वह अपने उत्पाद का न तो स्वयं मूल्य निर्धारित कर पाता है और न उसके द्वारा उत्पन्न किए कच्चे माल का प्रयोग में आने योग्य उत्पाद बना सकता है। चीनी मिलों को गन्ना बेचना किसानों की मजबूरी है। इसी मजबूरी का चीनी मिल संचालक लाभ उठाते हैं और उसके धन का जबरन उपयोग करते रहते हैं। बकाया भुगतान के लिए संगठन के पदाधिकारियों से वार्ता कर जल्द आंदोलन किया जाएगा। -दिनेश खेड़ा, भाकियू नेता सरकार चाहे कितने भी किसानों की हालत सुधारने के दावे कर ले, जब तक प्रशासनिक अधिकारी चीनी मिलों पर सख्ती नहीं दिखाएंगे, तब तक कुछ नहीं हो सकता। जब तक चीनी मिल प्रशासन की चलेगी, तब तक गन्ना किसान यूं ही दर-दर अपने पैसे पाने के लिए भटकता रहेगा। – -अनिल त्यागी, गन्ना किसान क्या कहते हैं अधिकारी- गन्ना किसानों का चीनी मिलों पर करीब 471 करोड़ रुपये बकाया है। इसे दिलाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। पिछले दिनों ही चीनी मिलों के प्रबंधन को नोटिस जारी कर भुगतान करने के लिए निर्देशित किया गया है। यदि जल्द भुगतान नहीं होता है तो कठोर कदम उठाए जाएंगे। प्रयास रहेगा कि किसानों का शेष भुगतान भी जल्द कराया जाए। -निधि गुप्ता, जिला गन्ना