main slideउत्तर प्रदेश

डीएपी के लिये आज भी किसान हो रहे परेशान घंटों लाइन में खडे रहने के बाद भी नहीं मिलती डीएपी !

किशनी – क्षेत्र में गेहूं की बोवाई पचास फीसदी तक पूरी हो चुकी है। पर अभी भी पचास फीसदी गेहूं, आलू तथा लहसुन आदि के लिये किसानों को डीएपी की आवश्यकता पड रही है। पर डीएपी की कमी से किसान आज भी जूझ रहा है।
एक ओर प्रशासन कहते नहीं थकता कि डीएपी की रैक पर रैक आ रही है। खाद की कोई कमी नहीं है। दूसरी ओर किसान एक एक बोरी डीएपी के लिये सोसाइटी पर घंटों लाइन लागाने के लिये मजबूर हो रहा है। गौरतलब है कि क्षेत्र में कई सोसाइटी हैं। पर कभी एक सोसाइटी पर खाद भेजी जाती है तो कुछ दिन के बाद दूसरी सोसाइटी पर। इस कारण सोसाइटी पर किसानों की भारी भीड जमा हो जाती है। कभी कभी किसानों के गुटों में खाद जल्दी लेने को लेकर विवाद भी हो जाता है। पर प्रशासन हर बार की तरह हाथ हाथ रख बैठा है। जैसे उसे किसानों की परेशानी से कुछ लेनादेना ही नहीं हो।

आलम यह है कि डीएपी की कमी के कारण गेहूं,आलू तथा लहसुन की बोवाई पिछडती जा रही है। क्षेत्र के किसानों ने डीएम से मांग की है कि एक साथ चार पांच सोसाइटी पर खाद भेजी जाय। ताकि उसके बितरण में परेशानी न हो। बुधवार को भी किशनी की क्षेत्रीय सहकारी समिति पर किसानों की भारी भीड खाद लेने के लिये घंटों जमा रही। भारतीय किसान यूनियन किसान के जिलाध्यक्ष अनुरूद्ध दुबे ने कहाकि प्रशासन किसानों के प्रति नकारात्मक रवैया अपना रहा है। प्रशासनिक अधिकारी ज्ञापन लेकर उसपर कार्यवाही नहीं करते हैं। इनका जबाव तो किसान स्वयं देंगे। अभी चुनाव का समय है। आदर्श आचार संहिता का वह भी पालन कर रहे हैं। चुनाव संपन्न होने के बाद वह वह एक बार फिर से तहसील में धरने पर बैठने की योजना पर काम कर रहे हैं। क्योंकि 27 सितम्बर को उनके द्वारा दिये गये ज्ञापन पर अभी तक कोई कार्रवाई प्रशासन द्वारा नहीं की गई है।

Show More

यह भी जरुर पढ़ें !

Back to top button