भारत में गिरी बिक्री (sales )संकट सिर पर

नई दिल्ली. वित्त वर्ष 2022-23 की तीसरी तिमाही में भारत में पुरुष अंडरवियर की बिक्री (sales ) में गिरावट ने आर्थिक विशेषज्ञों के कान खड़े कर दिए हैं. देश के पुरुषों के अंडरवियर कम खरीदने को वे अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा संकेत नहीं मान रहे हैं. उनका मानना है कि कच्छों की घटी बिक्री लोगों के हाथ तंग होने का इशारा है. अमेरिका के फेडरल रिजर्व के पूर्व प्रमुख ऐलन ग्रीनस्पैन द्वारा बनाए मेंस अंडरवियर इंडेक्स के अनुसार, जब किसी देश में पुरुषों द्वारा पहने जाने वाले अंडरवियर की बिक्री में गिरावट आती है, तो वह अर्थव्यवस्था में मंदी आने का संकेत होती है. अमेरिका में 2007 से 2009 के बीच आई आर्थिक मंदी के शुरु होने से पहले अंडरवियर की बिक्री घट गई थी.
ग्रीनस्पैन ने 1970 के दशक में मेंस अंडरवियर इंडेक्स का प्रतिपादन किया था. एलन ग्रीनस्पैन के मुताबिक, पुरुषों के अंडरवियर की बिक्री का आंकड़ा एक अहम आर्थिक संकेतक है. पुरुषों का अंडरवियर सबसे प्राइवेट कपड़ा होता है और वह छिपा हुआ होता है. ऐसे में आर्थिक स्थित गड़बड़ाने पर व्यक्ति अंडरवियर खरीदना छोड़ देता है. इससे आने वाले समय में मंदी या आर्थिक सुस्ती के संकेत मिलते हैं.
भारत में दिसंबर 2022 में समाप्त तिमाही में अंडरवियर की बिक्री 55 फीसदी तक गिर गई है. वित्त वर्ष 2022-23 की पहली दो तिमाही में आसमान छूती महंगाई के बावजूद इनरवियर मार्केट में बूम था. लेकिन अब चीजें बदल रही हैं. दिसंबर 2022 में समाप्त तिमाही में जॉकी और लक्स इंडस्ट्रीज की पेरेंट कंपनी पेज इंडस्ट्रीज की बिक्री में तिमाही आधार पर कमी आई है. पेज इंडस्ट्रीज के वॉल्यूम में 11 फीसदी की कमी आई है. कंपनी का शेयर भी पांच फीसदी टूट गया है. वहीं, Rupa & Co. ने वॉल्यूम में 52 फीसदी कमी की सूचना दी है. पिछले एक साल में रूपा ) का शेयर 52 फीसदी तक टूट चुका है.
अंडरवियर इंडेक्स की सत्यता अमेरिका में साबित हो चुकी है. अमेरिका 2007 से 2009 के बीच घोर मंदी के दौर से गुजरा था. 2007 की शुरुआत से ही अमेरिका में पुरुषों अंडरवियर की सेल में भारी कमी आनी शुरू हुई. 2007 से 2009 तक सेल काफी गिरी. ज्यों ही 2010 में अमेरिका के आर्थिक हालात ठीक हुए, पुरुष अंडरवियर की बिक्री में भी उछाल आ गया.