Export Ban : किसान विरोधी है सरकार, तभी गेहूं निर्यात पर लगाई रोक…
उदयपुर। Export Ban : किसान विरोधी है सरकार, तभी गेहूं निर्यात पर लगाई रोक… केंद्र सरकार के गेहूं के निर्यात पर रोक लगाने के फैसले को कांग्रेस ने किसान विरोधी बताया है। पूर्व वित्तमंत्री और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि निर्यात से किसानों को अच्छी कमाई हो सकती थी, परंतु सरकार ऐसा नहीं चाहती। इसी वजह से उसने यह किसान विरोधी कदम उठाया है। चिंतन शिविर के दूसरे दिन पत्रकारों से चर्चा के दौरान चिदंबरम ने कहा कि मुझे लगता है कि केंद्र सरकार पर्याप्त मात्रा में गेहूं खरीद नहीं कर सकी। इसी वजह से उसने निर्यात पर प्रतिबंध लगाया है।
Good News : बीते 24 घंटों में सामने आए 2,858 नए कोविड केस…..
गेहूं का उत्पादन कम नहीं हुआ है, बल्कि बढ़ा ही है। अगर खरीद हुई होती तो गेहूं के निर्यात पर पाबंदी लगाने की जरूरत ही नहीं पड़ती। पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि महंगाई अस्वीकार्य स्तर तक पहुंच गई है। अपनी गलत नीतियों से सरकार महंगाई बढ़ा रही है। इनकी आर्थिक नीतियां देशहित में नहीं हैं। कांग्रेस चिंतन शिविर के दूसरे दिन पी चिदंबरम ने प्रेस कान्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था चिंतनीय है।
Export Ban : हम जनता तक बिगड़ते आर्थिक हालात पहुंचाने में हुए फेल
पिछले आठ साल में विकास की धीमी दर वर्तमान सरकार की पहचान रही है। राज्यों की वित्तीय स्थिति बेहद खराब है। समय आ गया है कि केंद्र और राज्यों के बीच वित्तीय संबंधों की व्यापक समीक्षा की जाए। 2017 में मोदी सरकार के गलत तरीके से लागू किए गए जीएसटी का परिणाम सबके सामने है। लोगों को मंहगाई की मार झेलनी पड़ी है। लोगों की नौकरियां छीन गई। महंगाई और उच्चतम ब्याज दर के कारण रुपया कमजोर हुआ है। सरकार पूरी तरह से फेल है। हम उनकी असफलताओं को जनता के सामने रखेंगे।
Good News : बीते 24 घंटों में सामने आए 2,858 नए कोविड केस…..
रोजगार को लेकर चिदंबरम ने कहा कि 2019 में हमने केंद्र सरकार में रिक्त वेकैंसी को भरने की बात कही थी। भाजपा ने भी यही वादा किया था लेकिन 2019 के बाद रेलवे और पैरामिलिट्री में वेकैंसी बढ़ गई। ये नौजवानों और पिछड़े तबके के खिलाफ है। अगर आप सरकारी भर्तियां नहीं करेंगे तो लोग नौकरियां ढूंढने कहां जाएंगे। ये जनता विरोधी सरकार है। साथ ही उन्होंने माना कि देश के बिगड़ते आर्थिक हालातों को हम जनता तक पहुंचाने में फेल हो गए। अब हम जनता के सामने सारे मुद्दे रखेंगे।
निर्यात पर रोक: आर्थिक नीतियों को पूरी तरीके से बदलने की जरूरत
पी चिदंबरम ने कहा कि 1991 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने उदारीकरण के एक नए युग की शुरुआत की थी। देश ने उस समय धन सृजन, नए व्यवसायों और नए उद्यमियों, लाखों नौकरियों, निर्यात और 27 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से निकालने जैसी कई उपलब्धियां हासिल की थी। 30 साल के बाद मुझे लगता है कि वैश्विक और घरेलू विकास को ध्यान में रखते हुए आर्थिक नीतियों को पूरी तरीके से बदलने की जरूरत है।