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EXCLUSIVE: आतंक के निर्णायक अंत के रास्ते पर उतरी भारतीय सेना कश्मीर में

कश्मीर घाटी में आतंक के एक और सरगना का अंत कर दिया गया है। अबु दुजाना का अंत महज लश्कर के एक आतंकी का अंत हो ऐसा नहीं है, बल्कि ये उन तंजीमों को नेस्तनाबूत करने की राह में एक कदम है जिनकी दहशत के साये में घाटी पिछले कई दशकों से जी रही है। केंद्र सरकार का गृह मंत्रालय और भारतीय सेना पूरी तरह से घाटी में आतंक के खौफ का अंत करने की दिशा में काम कर रहे हैं।
इस क्रम में न सिर्फ कश्मीर में आतंक की शह देने वालों का अंत शामिल है बल्कि उन रास्तों के भी बंद करने का काम शुरू कर दिया गया है जिनके जरिए कश्मीर में आतंकियों को तमाम संसाधन मुहैया कराए जाते रहे हैं। केंद्र सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार कश्मीर में सेना और पैरा फोर्सेज के विशेष कमांडोज को आतंकियों के अंत की जिम्मेदारी मिली है। सेना को कश्मीर में आतंक के अंत के लिए किसी भी तरह के ऑपरेशन के लिए फ्री हैंड दे दिया गया है।

इस काम में सेना की राष्ट्रीय राइफल्स रेजीमेंट और जम्मू कश्मीर पुलिस की एसओजी को भी शामिल किया गया है। इन सुरक्षाबलों को कश्मीर के सभी इलाकों में आतंकियों के ठिकानों का पता करने,कमांडरों को चिन्हित करने और इनके अंत की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके साथ ही इस बात की तस्दीक भी की जा रही है कि कश्मीर के ऐसे कौन कौन से इलाके हैं जहां आतंकियों की शह देने वाले लोगों के ठिकाने हैं।

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