दिल्ली के पूर्व एक्साइज कमिश्नर(Ex-excise commissioner) और डीसी सस्पेंड

नई दिल्ली. दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति को लेकर बवाल थमता नजर नहीं आ रहा है. केजरीवाल सरकार नई आबकारी नीति को लागू करने के बाद उसे वापस ले चुकी है. लेकिन अब इस मामले में बड़ी कार्रवाई की गई है.
राजनिवास सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेशों पर दिल्ली सरकार के तत्कालीन एक्साइज कमिश्नर (Ex-excise commissioner)आईएएस अरवा गोपी कृष्ण और दानिक्स अधिकारी तत्कालीन उपायुक्त आनंद कुमार तिवारी को निलंबित करने के आदेश दिए गए हैं.
दिल्ली सरकार के आबकारी विभाग में रहे इन अफसरों को सस्पेंड करने के आदेश जारी हुए हैं. दिल्ली सरकार, गृह मंत्रालय, एमएचए, नई आबकारी नीति, आबकारी नीति, मनीष सिसोदिया, केजरीवाल सरकार, एजली वीके सक्सेना, दिल्ली सरकार, गृह मंत्रालय, गृह मंत्रालय, नई उत्पाद नीति, उत्पाद नीति, मनीष सिसोदिया, केजरीवाल सरकार, वीके सक्सेना, दिल्ली सरकार के आबकारी विभाग में रहे इन अफसरों को सस्पेंड करने के आदेश जारी हुए हैं.
राजनिवास सूत्र बताते हैं कि आबकारी विभाग के 3 अन्य तदर्थ दानिक्स अधिकारियों और 4 अन्य अधिकारियों के खिलाफ भी निलंबन और बड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं. एलजी ने यह निर्णय संबंधित अधिकारियों की ओर से आबकारी नीति के कार्यान्वयन में गंभीर चूक के मद्देनजर लिया है. इसमें अन्य बातों के साथ-साथ निविदा को अंतिम रूप देने में अनियमितताएं और चुनिंदा विक्रेताओं को पोस्ट टेंडर लाभ प्रदान करना शामिल है, जैसा कि विजिलेंस निदेशालय (डीओवी) की जांच रिपोर्ट के बाद सामने आया है.
बताते चलें कि दिल्ली के उप-राज्यपाल वीके सक्सेना ने पिछले दिनों आबकारी नीति के तहत जारी की कई शराब की दुकानों के पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश भी की थी.
वहीं, इस मामले में दिल्ली पुलिस ने भी अपने स्तर पर इसकी जांच करने की कार्रवाई शुरू कर दी है. ईओडब्लू की ओर से 12 जुलाई को एक नोटिस भी जारी किया गया था. दिल्ली पुलिस ने नई लाईसेंस पॉलिसी के तहत जारी किए गए शराब की दुकानों के नए लाईसेंस को लेकर पूरी डिटेल तलब की. ईओडब्लू ने प्वाइंटवाइज सभी सवालों का जवाब पत्र रिसीव होने के तीन दिनों के भीतर मांगा था.
दिल्ली में आबकारी नीति को लेकर उपराज्यपाल का बड़ा एक्शन
दिल्ली में आबकारी नीति : दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने आबकारी नीति 2021-22 के कार्यान्वयन में ‘गंभीर चूक’ को लेकर राष्ट्रीय राजधानी के पूर्व आबकारी आयुक्त आरव गोपीकृष्ण और उप आबकारी आयुक्त आनंद कुमार तिवारी सहित 11 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी. उपराज्यपाल कार्यालय के सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली सरकार के आबकारी विभाग के दानिक्स कैडर के तीन तदर्थ अधिकारियों और छह अधिकारियों को भी निलंबित कर दिया गया है.
इस वजह से उपराज्यपाल ने की कार्रवाई
सूत्रों के अनुसार, उपराज्यपाल ने आबकारी नीति के कार्यान्वयन में ‘संबंधित अधिकारियों की ओर से की गई कथित गंभीर चूक’ को देखते हुए यह निर्णय लिया है, जिसमें ‘निविदा को अंतिम रूप देने में अनियमितताएं और चुनिंदा विक्रेताओं को पोस्ट-टेंडर लाभ प्रदान करना’ शामिल है. उपराज्यपाल सक्सेना ने सतर्कता निदेशालय (डीओवी) की ओर से दायर एक जांच रिपोर्ट के आधार पर यह कार्रवाई की है. गौरतलब है कि उपराज्यपाल ने आबकारी नीति 2021-22 के कार्यान्वयन में नियमों के कथित उल्लंघन और प्रक्रियात्मक खामियों की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की सिफारिश पहले ही कर दी है.
केजरीवाल को वापस लेनी पड़ी शराब नीति
दरअसल, 17 नवंबर 2021 को लागू की गई नयी आबकारी नीति के तहत 32 क्षेत्रों में विभाजित शहर की 849 शराब की दुकानों के लिए निजी फर्मों को खुदरा लाइसेंस जारी किए गए थे. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने अब इस नीति को वापस ले लिया है.
सिसोदिया ने बैजल पर लगा दिया ये आरोप
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शनिवार को पूर्व उपराज्यपाल अनिल बैजल पर अनधिकृत क्षेत्रों में शराब की दुकानें खोलने के मामले में अपना रुख बदलने का आरोप लगाया. उन्होंने दावा किया कि इसके कारण उनकी सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ. सिसोदिया ने दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उन्होंने इस मामले से जुड़ी जानकारी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को भेज दी है और दिया कि मामले की तफ्तीश होनी चाहिए. बैजल ने इस मामले में तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
सिसोदिया ने कहा, ‘नयी आबकारी नीति के तहत अनधिकृत क्षेत्रों समेत पूरी दिल्ली में 849 दुकानें खोली जानी थीं. तत्कालीन उपराज्यपाल ने इस प्रस्ताव का विरोध नहीं किया और इसे मंजूरी दे दी.’ उन्होंने आरोप लगाया कि नीति लागू होने से दो दिन पहले पिछले साल 15 नवंबर को तत्कालीन उपराज्यपाल ने अपना रुख बदल लिया और शर्त लगा दी कि अनधिकृत क्षेत्रों में शराब की दुकानें खोलने के लिए दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) से अनुमति लेनी होगी. आम आदमी पार्टी (आप) के नेता ने कहा, ‘तत्कालीन उपराज्यपाल के रुख में बदलाव के कारण अनधिकृत क्षेत्रों में दुकानें नहीं खोली जा सकीं, जिससे सरकार को करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ. दूसरी ओर, जो दुकानें खोली गई थीं, उन्होंने काफी कमाई की.’
सिसोदिया ने की ये मांग
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली सरकार ने जब नयी आबकारी नीति तैयार की थी, उस समय बैजल दिल्ली के उपराज्यपाल थे. इस नीति को 17 नवंबर 2021 को लागू किया गया था. सरकार ने अब यह नीति वापस ले ली है और वह एक सितंबर से अपने उपक्रमों के माध्यम से पुरानी आबकारी व्यवस्था के तहत शराब की दुकानें संचालित करने की तैयारी कर रही है. सिसोदिया ने कहा कि इस बात की जांच की जानी चाहिए कि बैजल ने अपना रुख क्यों बदला, जिससे कुछ लोगों को लाभ हुआ और सरकार को वित्तीय नुकसान हुआ.