यूरोप का हेल्थ सिस्टम बीमार

यूरोप (system sick) का हेल्थ सिस्टम बीमार (system sick) हो गया है। पश्चिमी यूरोप के विकसित देश भी चपेट में हैं। ब्रिटेन में लगभग 65 लाख लोग इलाज के लिए वेटिंग लिस्ट में है। डॉक्टरों की कमी के कारण डिप्रेशन के रोगियों को भी अपॉइंटमेंट नहीं मिल पा रहे हैं।
फ्रांस में डिप्रेशन के रोगियों को अपॉइंटमेंट के लिए 60 दिन तक की वेटिंग करनी पड़ रही है। ये आंकड़ा 2019 से 50% ज्यादा है। वहीं, स्पेन की जनता को ऑपरेशन करवाने के लिए भी 123 दिनों का इंतजार करना पड़ रहा है। ये पिछले 18 सालों का रिकॉर्ड है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, इसकी बड़ी वजह कोविड-19 है।यूरोप में अब भी लगभग 5 लाख डॉक्टरों की कमी है। साथ ही 10 लाख से ज्यादा स्वास्थ्य कर्मियों की भी कमी है। यूरोप के कई देशों में अब तक इन पदों पर नियुक्तियां ही नहीं हो पाई हैं।
ऐसे में कई देशों में मरीजों को समुचित उपचार नहीं मिल पा रहा है।यूरोपीय कैंसर ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक यूरोप में करीब 10 करोड़ कैंसर स्क्रीनिंग टेस्ट नहीं किए गए। ब्रिटेन के डॉ. मार्क लॉलर के मुताबिक कोरोना के कारण बैकलॉग के चलते हमें कई सालों तक अपनी क्षमता को 130% तक पहुंचाकर काम करना होगा।
कोरोना महामारी के दौर में यूरोप के हेल्थकेयर पर अतिरिक्त भार पड़ा है। स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि लोगों को इलाज के लिए डॉक्टर और नर्स को रिश्वत तक देनी पड़ रही है। ये खुलासा इसी हफ्ते आई लंदन के इम्पीरियल कॉलेज की रिसर्च में किया गया है।