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बिजली संकट : केन्द्र ने यूपी सरकार को दी चेतावनी, जाने पूरी खबर

लखनऊ। बिजली संकट : केन्द्र ने यूपी सरकार को दी चेतावनी, जाने पूरी खबर… केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को बिजली उत्पादक कंपनियों (जेनको) व कोल इंडिया के 9692 करोड़ रुपये के बकाये का तत्काल भुगतान करने को कहा है। तत्काल भुगतान न करने पर प्रदेश की बिजली रोकने की भी चेतावनी दी गई है। केंद्र के इस कदम से वित्तीय संकट से जूझ रहे पावर कार्पोरेशन के सामने अतिरिक्त बिजली के इंतजाम के साथ भुगतान की चुनौती खड़ी हो गई है। विदेशी कोयले की खरीद के बाद अब केंद्र ने प्रदेश सरकार पर जेनको व कोल इंडिया के बकाये के भुगतान का दबाव बढ़ा दिया है।

बिजली संकट : केंद्र की चेतावनी-बिजली कंपनियों के 9692 करोड़ रुपये चुकाए यूपी सरकार

केंद्रीय ऊर्जा सचिव आलोक कुमार ने प्रदेश के प्रमुख सचिव ऊर्जा को पत्र भेजकर कहा है कि जेनको का 9372.49 करोड़ तथा कोल इंडिया का 319.82 करोड़ रुपये बकाये का तत्काल भुगतान किया जाए नहीं तो प्रदेश की बिजली रोकी जा सकती है। केंद्र सरकार की इस चेतावनी ने पावर कार्पोरेशन व राज्य विद्युत उत्पादन निगम के सामने मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। दरअसल, हर महीने आपूर्ति की जा रही बिजली के अनुपात में राजस्व वसूली नहीं हो पा रही है जिससे पावर कार्पोरेशन नियमित रूप से जेनको और राज्य विद्युत उत्पादन निगम को बिजली का भुगतान नहीं कर पा रहा है।

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भुगतान न मिलने से उत्पादन निगम कोल इंडिया को भुगतान नहीं कर पा रहा है। चूंकि प्रदेश में बिजली की जबर्दस्त किल्लत है इसलिए पावर कार्पोरेशन को एनर्जी एक्सचेंज व अन्य स्रोतों से अतिरिक्त बिजली भी खरीदनी पड़ रही है। ऐसे में तत्काल भुगतान करना बेहद मुश्किल हो रहा है। उत्पादन निगम के अधिकारियों का कहना है कि अनुबंध के अनुसार पावर कार्पोरेशन जिन उत्पादन इकाइयों से बिजली खरीदता है उनको लगातार भुगतान करता रहता है और भुगतान में देरी पर 12 से 18 प्रतिशत तक ब्याज भी देना पड़ता है।।

बिजली संकट: नहीं तो रोक दी जाएगी आपूर्ति

बिजली संकट के दौर में इस तरह का दबाव बनाना सही नहीं है। उधर, राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि केंद्र सरकार की ओर से बकाये पर बिजली रोकने की धमकी देना असांविधानिक है। यह धमकी पावर कार्पोरेशन को नहीं, बल्कि प्रदेश के तीन करोड़ बिजली उपभोक्ताओं को दी जा रही है।

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