main slideदिल्लीप्रमुख ख़बरेंबडी खबरेंराज्यराष्ट्रीय

Election Commissioner : जम्मू-कश्मीर में पूरी आबादी को दिया गया प्रतिनिधित्व, जाने पूरा मामला?…..

नई दिल्ली। Election Commissioner : जम्मू-कश्मीर में पूरी आबादी को दिया गया प्रतिनिधित्व, जाने पूरा मामला?….. मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सुशील चंद्रा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में परिसीमन करते समय जनसंख्या का विषय अहम था, लेकिन वह एकमात्र आधार या मानदंड नहीं था। उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश को एक इकाई के तौर पर देखा जाना चाहिए, जिसकी पूरी जनसंख्या को 90 विधानसभा सीटों में प्रतिनिधित्व दिया जाना है। वह जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सीटों से संबंधित परिसीमन आयोग के पदेन सदस्य थे।

Election Commissioner : आयोग ने पिछले दिनों अपना अंतिम आदेश सौंप दिया है

आयोग ने पिछले दिनों अपना अंतिम आदेश सौंप दिया है। उन्होंने कहा कि पहले के परिसीमन के साथ कई सारी समस्याएं थीं। उन्हें अब ठीक कर लिया गया है। चंद्रा ने कहा कि जनसंख्या परिसीमन के मानदंडों में से सिर्फ एक मानदंड है। परिसीमन कानून तथा जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन कानून के प्रविधानों के अनुसार, जनसंख्या के अलावा चार अन्य मानदंड भी हैं। इनमें कहा गया है कि भौतिक स्थितियों, संचार सुविधाओं, सार्वजनिक सुविधाओं तथा उस क्षेत्र की प्रशासनिक इकाइयों पर भी विचार करना होगा।

Human Rights : एनआईए ने पूर्व आईपीएस अरविंद दिग्विजय नेगी…..

इसलिए, ये चार अन्य मानदंड हैं जिन पर गौर किया जाना है। जनसंख्या महत्वपूर्ण मानदंडों में से एक है, लेकिन एकमात्र मानदंड नहीं है। इसे लोगों के ध्यान में रखना चाहिए। वह शनिवार को मुख्य चुनाव आयुक्त पद से अवकाश ग्रहण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को एक इकाई के तौर पर देखा जाना चाहिए। इसे अलग-अलग हिस्सों में नहीं देखा जा सकता। यह एक एकल केंद्र शासित प्रदेश है। पूरी आबादी को 90 निर्वाचन क्षेत्रों में प्रतिनिधित्व देना होगा। जम्मू-कश्मीर संबंधी परिसीमन आयोग का गठन मार्च 2020 में हुआ था।

Election Commissioner : उसने पांच मई को अपनी अंतिम रिपोर्ट को अधिसूचित किया

उसने पांच मई को अपनी अंतिम रिपोर्ट को अधिसूचित किया। इसमें जम्मू क्षेत्र को छह अतिरिक्त विधानसभा सीट और कश्मीर घाटी को एक अतिरिक्त सीट दी गई है। 90 सदस्यीय विधानसभा में अब जम्मू क्षेत्र से 43 और कश्मीर से 47 सीट होंगी। चंद्रा ने कहा कि पहले के परिसीमन में कई समस्याएं थीं, जिन्हें अब ठीक कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि जब पहले का परिसीमन हुआ था, तब केवल 12 जिले थे। अब 20 जिले हैं। कई निर्वाचन क्षेत्र एक से अधिक जिलों में फैले हुए थे। कई गांव दो या तीन निर्वाचन क्षेत्रों में फैले हुए थे। इसलिए, इन चीजों को सुधारना होगा।

Show More

यह भी जरुर पढ़ें !

Back to top button