नहीं दी जा रही समकालीन शिक्षा , हम एक समान शिक्षा देने को तैयार – Karnataka Education Minister
बेंगलुरु – कर्नाटक के शिक्षा मंत्री ( Education Minister ) बीसी नागेश ने मदरसों में उच्च गुणवत्ता की शिक्षा न दिए जाने पर चिंता जताते हुए कहा कि मदरसों में बच्चों को समकालीन शिक्षा नहीं दी जा रही है। उन्होंने कहा कि यदि मदरसा चाहें और मांग करें तो निश्चित रूप से हम उन्हें अच्छी और औपचारिक शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए तैयार हैं। हम उन सब को एक समान शिक्षा देने के लिए भी तैयार हैं। सोमवार को नागेश ने कहा कि हालांकि अभी तक इस संबंध में कोई फैसला नहीं लिया गया है।
सब लोगों से बातचीत के बाद ही इस बारे में निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि मदरसों को अल्पसंख्यक कल्याण विभाग से धन मिलता है, लेकिन बच्चों को व्यावसायिक पाठ्यक्रम की शिक्षा नहीं दी जाती।
हम व्यावसायिक शिक्षा भी देने की कोशिश कर रहे हैं। हम मदरसों में एक उचित शिक्षा प्रणाली लाने का प्रयास कर रहे हैं।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों को बेहतर और आधुनिक समकालीन शिक्षा से दूर नहीं भागना चाहिए। बहुत से परिवार अपने बच्चों को मुख्यधारा की शिक्षा के लिए भेज रहे हैं,
इसीलिए मदरसों में बच्चों की संख्या घट रही है। 99 प्रतिशत बच्चे मुख्यधारा की शिक्षा से जुड़ रहे हैं और बाकी बचे एक प्रतिशत बच्चों को भी हम मुख्यधारा की शिक्षा में लाने की कोशिश कर रहे हैं।
अभी एक दिन पहले ही केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने सुझाव दिया था कि स्कूलों में भगवद गीता पढ़ाने के गुजरात सरकार के फैसले को प्रत्येक राज्य सरकार लागू करने पर विचार कर सकती है। उनका कहना था कि भगवद गीता हमें नैतिकता और आचरण की सीख देती है। यह हमें समाज की भलाई के प्रति जिम्मेदारी भी बताती है। इसमें ऐसी कई नैतिक कहानियां हैं जो हमारे छात्रों को प्रेरित कर सकती हैं। प्रत्येक राज्य सरकार इसके बारे में सोच सकती है।