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बढ़ती महंगाई से यूरोप तक के देशों के लोगों की टूट रही कमर

न्यूयॉर्क । एशिया, अमेरिका (rising inflation) से लेकर यूरोप तक के देशों के लोगों की बढ़ती महंगाई (rising inflation) से कमर टूट रही है। यूरोप के देशों पर दो तरफा मार पड़ रही है। इसीलिए राहत देने के लिए कई देशों में कदम उठाए जा रहे हैं। जर्मनी ने लोगों को राहत देने और देश की अर्थव्यवस्था को चलाए रखने के लिए 65 अरब पौंड (करीब 5.15 लाख करोड़ रुपए) के पैकेज का ऐलान किया है। हाल के दौर में यह तीसरा और सबसे बड़ा राहत पैकेज है।

इस पैकेज से बुजुर्गों को 24 हजार रुपए महीना मिलेंगे। वहीं छात्रों के खाते में 16 हजार रुपए भेजे जाएंगे। इससे पहले उसने दो बार में 2.37 करोड़ के राहत पैकेज का ऐलान किया था। लोगों के लिए उसने ट्रेन में सफर के लिए 712 रुपए प्रति महीने की योजना शुरू की थी। इसका खूब प्रयोग हुआ।

यह योजना इस साल के आखिर तक लागू रहेगी। दूसरी ओर, स्वीडन ने बिजली उत्पादन में तेजी लाने के लिए उद्योगों को इमरजेंसी फंड देने का ऐलान किया है। इससे पहले, सरकार घरेलू बिजली को महंगा होने से रोकने के लिए 66 हजार करोड़ रुपए का ऐलान कर चुकी है। स्पेन में महंगाई 11% के करीब पहुंच चुकी है।

इस कारण मुफ्त ट्रेन यात्रा का फायदा आम लोगों के साथ ही पर्यटकों को भी मिलेगा। ताकि खर्च बढ़ने से अर्थव्यवस्था को धार मिले। जून में ही स्पेन ने 75 हजार करोड़ रुपए के राहत पैकेज का ऐलान किया था। तब टैक्स कटौती के साथ पेंशन, सब्सिडी बढ़ी थी।उधर, स्पेन ने लोगों को महंगाई के मोर्चे पर राहत देने के लिए ट्रेन में यात्रा मुफ्त योजना शुरू कर दी है।

अब स्पेन के लोग 300 किलोमीटर तक बगैर किसी टिकट के आ-जा सकेंगे। यूक्रेन-रूस युद्ध शुरू होने के बाद से जर्मनी ने अब तक तीन बार राहत पैकेज का ऐलान किया है। ताजा पैकेज सबसे बड़ा है। फिनलैंड ने बिजली महंगी होने से रोकने के लिए 1.83 लाख करोड़ रुपए का प्रस्ताव रखा है। इसी तरह स्वीडन भी अपनी बिजली की जरूरतें पूरी करने के लिए इतनी ही राशि का आपात फंड रखा है।

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