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विदेश की तर्ज पर ड्रोन से होम डिलीवरी

इंदौर । इंदौर (home delivery) में विदेश की तर्ज पर ड्रोन से होम डिलीवरी (home delivery) की जाएगी। एक स्टार्टअप ने इसका सफल ट्रायल रन पूरा कर लिया है। हमारा स्टार्टअप ग्रामीण क्षेत्रों में माइक्रो एंटरप्रेन्योर भी तैयार कर रहा है, जो गांव- गांव में उन्नत खेती के बारे में किसानों को शिक्षित कर रहे हैं। इससे युवाओं को रोजगार भी मिल रहा है। ड्रोन से बिचौली मर्दाना से 15KM खेमाना गांव दवा की डिलीवरी दी गई।

वहीं, डिलीवरी के लिए जिस ड्रोन का इस्तेमाल हुआ, वह पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से बना प्रोटोटाइप बायप्लेन ट्रेल सीटर है। इसका वजन 20 किलो है। इसकी रेंज 25 किलोमीटर है। इस ड्रोन को चलाने के लिए 4 जी नेटवर्क की जरूरत होती है। हम तीन दोस्तों ने मिलकर किसानों की समस्या सुलझाने के लिए 10 माह पहले ड्रोन सर्विस का स्काइलेन नाम से स्टार्टअप शुरू किया था।

हमारा स्टार्टअप सेंट्रल इंडिया में इजराइल की ड्रोन तकनीक के आधार पर खेती में किसानों की मदद कर रहा है। प्रयास ने बताया, हमने ड्रोन से सामान की डिलीवरी के लिए डिपार्टमेंट ऑफ सिविल एविएशन, इंदौर एयरपोर्ट, जिला प्रशासन और पुलिस विभाग को सूचित कर ट्रायल शुरू किया था। यह ट्रायल एक हफ्ते तक चला। अब हमने ड्रोन से ही जरूरी चीजों की डिलीवरी का ट्रायल भी शुरू कर दिया है।

ट्रायल के दौरान ड्रोन से लगभग 5 किलो दवाइयों की होम डिलीवरी दी। ट्रायल के समय ड्रोन ने वर्टिकल उड़ने के बाद डिलीवरी पॉइंट तक जाने के लिए 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हॉरिजेंटल उड़ान भरी। इस स्टार्टअप को पहला प्रोजेक्ट महिंद्रा एंड महिंद्रा कंपनी ने दिया था। महिंद्रा ने पुणे के पास गन्ने के खेत में ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल किया था। स्टार्टअप अभी खरगोन, रायसेन, बाड़ी, बरेली, शाजापुर, सारंगपुर, गुना, ग्वालियर और इंदौर के पास उदयपुरा में किसानों को ड्रोन से खेती करवा रहा है। एक एकड़ में कीटनाशक का छिड़काव 500 रुपए में हो जाता है।

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