प्रदूषित यमुना से पेयजल आपूर्ति

चंडीगढ़। दिल्ली (drinking water supply) की तरफ हरियाणा के ताजेवाला बांध से यमुना बढ़ती है सबसे पहले प्रदूषित पानीपत (drinking water supply) और सोनीपत में किया जाता है। बाद में यमुना दिल्ली की सीमा में प्रवेश कर जाती है पानी पीने-नहाने तो क्या सिंचाई लायक भी नहीं रह जाता।
नदी के पानी की गुणवत्ता को बीओडी और डीओ के मानकों पर मापा जाता है। बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) का मतलब पानी में किसी जैविक पदार्थ को डी-कंपोज करने के लिए किसी बैक्टीरिया या सूक्ष्म जीव को कितने ऑक्सीजन की जरूरत है।
पानी में न केवल बायो आक्सीजन डिमांड (BOD) की मात्रा बढ़ जाती है फीकल बैक्टीरिया की मात्रा भी बढ़ जाती है। 1997 में रेनीवेल योजना शुरू हुई थी।
तब तक यमुना का पानी सिंचाई और पेयजल के लिए काफी बेहतर माना जाता पिछले 25 साल में यह आलम कि यमुना के जल का शोधन करके जो पानी पीने के लिए फरीदाबाद भेजा जाता है, वह शुद्धता की कसौटी पर खरा नहीं उतरता।