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मुकाबला द्रौपदी(Draupadi Murmu ) मुर्मू vs यशवंत सिन्हा

नई दिल्ली: राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu ) और विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा राष्ट्रपति पद के चुनाव में आमने-सामने हैं. भारत का 15वां राष्ट्रपति चुनने के लिए 4,000 से अधिक सांसद और विधायक आज अपना वोट डालेंगे. कई क्षेत्रीय दलों द्वारा झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को अपना समर्थन देने के साथ, संख्या स्पष्ट रूप से एनडीए उम्मीदवार के पक्ष में है. इन दलों में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना, ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक की बीजू जनता दल, नीतीश कुमार की जनता दल-यूनाइटेड (JDU), शिरोमणि अकाली दल, मायावती के नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी , AIADMK, टीडीपी, वाईएसआरसीपी और चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) शामिल हैं.

यशवंत सिन्हा को कांग्रेस, शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), तृणमूल कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन , राष्ट्रीय जनता दल और ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट का समर्थन मिल रहा है. अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) ने भी विपक्ष के उम्मीदवार को समर्थन देने का ऐलान किया है. राष्ट्रपति चुनाव के लिए संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार होना चाहिए, इस आह्वान का नेतृत्व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने किया था.

द्रौपदी मुर्मू जीतती हैं तो कई चीजें पहली बार होंगी
पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व आईएएस अधिकारी यशवंत सिन्हा पहले तीन नामों- शरद पवार, फारूक अब्दुल्ला और गोपालकृष्ण गांधी के बाद विपक्ष की चौथी पसंद थे. पहले तीनों नामों ने राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवारी की दौड़ से खुद को बाहर कर लिया था. द्रौपदी मुर्मू की जीत से कई चीजें पहली बार होंगी. वह स्वतंत्र भारत में जन्म लेने वाली पहली महिला राष्ट्रपति होंगी. 64 की उम्र में, राष्ट्रपति भवन में पहुंचने वाली वह सबसे कम उम्र की प्रेसिडेंट होंगी, इसके अलावा देश के शीर्ष पद को संभालने वाली पहली आदिवासी नेता और भारत की दूसरी महिला राष्ट्रपति भी होंगी.

भारत के राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे 21 जुलाई को आएंगे. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है. उससे पहले नए राष्ट्रपति को पदभार ग्रहण करना होगा. इस बात की पूरी संभावना है कि 24 जुलाई को भारत का 15वां राष्ट्रपति अपना पदभार ग्रहण कर लेगा.
संसद सदस्य के वोट का मूल्य अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग होता है. उत्तर प्रदेश में, प्रत्येक विधायक के वोट का मूल्य 208 है, इसके बाद झारखंड और तमिलनाडु में 176 है.
सांसदों के लिए हरे रंग का मतपत्र, विधायकों के लिए गुलाबी रंग का मतपत्र
चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुसार, सांसदों को हरे रंग का मतपत्र मिलेगा, वहीं विधायकों को वोट डालने के लिए गुलाबी रंग का मतपत्र मिलेगा. अलग-अलग रंग रिटर्निंग ऑफिसर को प्रत्येक विधायक और सांसद के वोट के मूल्य का पता लगाने में मदद करते हैं.

राष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग के लिए ECI ने सदस्यों को दी है बैंगनी स्याही वाला पेन
मतदान की गोपनीयता बनाए रखने के लिए, चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति चुनाव में मतदाताओं को अपने मतपत्रों को चिह्नित करने में सक्षम बनाने के लिए बैंगनी स्याही से एक विशेष रूप से डिजाइन किया गया पेन जारी किया है.

राष्ट्रपति चुनाव के लिए गुप्त मतदान की प्रणाली का पालन किया जाता है और पार्टियां अपने सांसदों और विधायकों को मतदान के संबंध में व्हिप जारी नहीं कर सकती हैं. व्हिप यह सुनिश्चित करने का एक तरीका है कि पार्टी के सदस्य अपनी व्यक्तिगत विचारधारा के बजाय पार्टी लाइन के अनुसार मतदान करें.
सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे के बीच मतदान होगा
राष्ट्रपति पद के लिए आज वोटिंग होगी. संसद भवन और सभी राज्यों की विधानसभाओं में सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे के बीच मतदान होगा.

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