अमेरिका (America!)पर ड्रैगन की बुरी नजर!
वाशिंगटन: अमेरिका में एक बार फिर से चीन ने जासूसी करने की हिमाकत की है, जिसका बड़ा सबूत सामने आया है. अमेरिका (America!)https://vicharsuchak.in/ के आसमान में चीनी स्पाई बैलून उड़ता दिखा है, जिसके बाद से अमेरिकी प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट हो गया है और उसने चीनी राजनयिक को समन जारी किया है. पेंटागन ने कहा कि एक संदिग्ध चीनी जासूसी गुब्बारा कुछ दिनों से संयुक्त राज्य अमेरिका के आसमान में उड़ रहा है और सीनियर अमेरिकी अधिकारियों ने राष्ट्रपति जो बाइडेन को इसे शूट नहीं करने की सलाह दी है, क्योंकि ऐसा करने से इसके मलबे से लोगों की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है.
पेंटागन ने कहा कि वह संयुक्त राज्य अमेरिका के ऊपर उड़ने वाले एक चीनी जासूसी गुब्बारे पर नजर रख रहा है, जिसे लेकर आशंका जताई जा रही है कि यह गुब्बारा अत्यधिक संवेदनशील परमाणु हथियार स्थलों की निगरानी कर रहा है. एक वरिष्ठ अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने एएफपी को बताया कि शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने गुब्बारे को नीचे गिराने पर विचार किया, मगर इस डर से ऐसा नहीं किया, क्योंकि इससे जमीन पर कई लोगों को खतरा हो सकता है.
कहा जाता है कि गुब्बारा अमेरिका के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में उड़ रहा है, जहां संवेदनशील एयरबेस और रणनीतिक मिसाइलें हैं. एएफपी ने एक अज्ञात अधिकारी के हवाले से बताया कि स्पष्ट रूप से इस चीनी स्पाई गुब्बारे का इरादा निगरानी करना है और यह कई संवेदनशील साइटों के ऊपर उड़ान भर रहा है. फिलहाल, अभी यह चीनी गुब्बारा नॉर्दर्न मोंटाना के आसमान में उड़ रहा है और इसके पीछे अमेरिकी एयरफोर्स के विमान भी लग चुके हैं.
बताया जा रहा है कि अत्यधिक संवेदनशील परमाणु हथियार स्थलों की निगरानी करते प्रतीत होने वाले चीनी जासूसी गुब्बारों का पता लगाने के बाद अमेरिकी विदेश विभाग ने वाशिंगटन में चीन के प्रभारी राजनयिक को एक बहुत स्पष्ट और कठोर संदेश देने के लिए तलब किया है. इस बीच पेंटागन ने अपने बयान में कहा है कि चीनी गुब्बारा वर्तमान में वाणिज्यिक हवाई यातायात से काफी ऊंचाई पर यात्रा कर रहा है और जमीन पर लोगों के लिए सैन्य या शारीरिक खतरा पेश नहीं करता है.
इस चीनी जासूसी गुब्बारे को लेकर कहा जा रहा है कि इसका आकार तीन बसों के बराबर है. इस घटना की जानकारी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और रक्षा मंत्रालय को दे दी गई है. पहले इस गुब्बारे को शूट कर नीचे गिराने पर विचार किया गया, मगर धरती पर अमेरिकी लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, इस फैसले को टाल दिया गया. फिलहाल, इस मुद्दे को अमेरिकी अधिकारियों ने चीनी समकक्षों के समक्ष उठाया है. बता दें कि यह पहली बार नहीं है, जब चीन पर अमेरिका में जासूसी करने का आरोप लगा है, बल्कि इससे पहले भी अमेरिका में चीन जासूसी करने की कोशिश कर चुका है.