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भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापक समझौते पर संशय

ब्रिटेन।डाटा भंडार (agreement) भारत में ही सुरक्षित रखने से संबंधित डाटा विदेशी कंपनियों को स्थानीयकरण नियम और भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के ठेकों में ब्रिटिश कंपनियों (agreement) को बोली लगाने की मंजूरी देने का मुद्दा विस्तृत समझौते के लिए गतिरोध बन गए हैं। समझौते की राह में पैदा हुए गतिरोध समय के साथ ही खत्म होंगे।

व्यापार समझौता चाहे कितना भी महत्वाकांक्षी और व्यापक क्यों न हो, इसमें समय लगने की स्थिति बनती दिख रही है। देशों ने इस महीने दिवाली तक एफटीए वार्ता पूरी होने और एक समझौता संपन्न करने की समयसीमा तय की हुई है।

24 अक्तूबर से पहले सहमति बनाने की कोशिशें चल रही हैं मुद्दों के सामने आ जाने से व्यापक समझौते पर संशय मंडराने लगा है। भारत के साथ एफटीए पर वार्ता अटक जाने का यह मतलब नहीं है कि बाद में भी इस दिशा में कुछ नहीं किया जा सकता

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