इस पवित्र महीने में रुद्राभिषेक(Rudrabhishek) जरूर करें

रुद्राभिषेक : आज से श्रावण मास शुरू हो गया है, यह महीना भगवान शिव को पूरी तरह समर्पित है. भक्त सावन के महीने में शिव जी की अपने-अपने तरीके से आराधना करते हैं और इस माह में भोलेनाथ की आराधना का अपना अलग ही महत्व है. यह महीना भोले शंकर का सबसे प्रिय महीना माना जाता है. मान्यता है कि इस माह पूरी श्रद्धा से शिव जी की पूजा और ध्यान करने से वह बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं और उनके आशीर्वाद से व्यक्ति की हर मनोकामना पूर्ण होती है.
घर पर कराएं रुद्राभिषेक
यूं तो इस पूरे मास में ही शिव जी की आराधना करने का उत्तम फल मिलता है, किंतु सर्वोत्तम समय प्रदोष और सोमवार को माना जाता है. कहते हैं इस समय में भगवान शिव की पूजा और उनका ध्यान करने से सभी प्रकार के दोष दूर हो जाते हैं. इस बार श्रावण मास में पहला सोमवार 18 जुलाई को और चौथा तथा अंतिम सोमवार 8 अगस्त को होगा. इसी तरह 25 जुलाई और 9 अगस्त को प्रदोष तिथि होगी. लिहाजा कोशिश करें कि इन खास मौकों पर अपने घर में कम से कम एक बार रुद्राभिषेक (Rudrabhishek) जरूर कराएं.
रुद्राभिषेक से प्रसन्न होते हैं शिव जी
रुद्राभिषेक यानी शिव जी का अभिषेक करने से महादेव अति प्रसन्न होते हैं. अभी तो सावन माह का प्रारंभ है इसलिए अभी से रुद्राभिषेक कराने का प्लान करके योग्य आचार्य को बुक कर लेना चाहिए. सावन माह में रुद्राभिषक कराने से घर का दुख-दारिद्रय बाहर होता है और घर सुख-समृद्धि, शांति से भर जाता है. सावन में भगवान महादेव को प्रसन्न करने के लिए रुद्राभिषेक करना बहुत ही पुण्य दायक माना गया है, जो व्यक्ति सावन में भगवान भोलेनाथ का पूरे विधि विधान से बन्धु बांधवों के साथ रुद्राभिषेक करते हैं उनके ऊपर भगवान शिव और माता पार्वती की असीम कृपा बनी रहती है. साथ ही परिवार के सभी सदस्य प्रेम पूर्वक, निरोगी रहते हुए दीर्घ आयु को प्राप्त होते है, उन्हें सभी भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है.
शिव मंदिर जाकर करें जलाभिषेक
सावन मास में शिवलिंग का जलाभिषेक करने का भी बहुत महत्व है. कोशिश करें कि घर के पास जो भी शिव मंदिर हो, वहां रोजाना जलाभिषेक अवश्य करें. यदि नदी किनारे शिवालय हो तो और भी अच्छा रहेगा. भगवान भोलेनाथ को औघड़ और सभी देवताओं में सबसे कोमल हृदय का माना गया है, भोले बाबा तो भाव से ही प्रसन्न हो जाते हैं. यदि सच्चे हृदय से एक कलश जल उन्हें अर्पित कर दिया जाए तो व्यक्ति पर उनकी कृपा बरसने लगती है.
सोमवार का व्रत भी देता है शुभ फल
जो लोग सावन महीने में प्रतिदिन भगवान शंकर की पूजा नहीं कर सकते हैं, तो उन्हें कम से कम सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा और व्रत तो अवश्य ही करना चाहिए. जो लोग सावन माह में सोमवार के सभी व्रत रखकर महादेव की पूरी श्रद्धा से पूजन करते हैं, उनकी सभी शुभ मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. सावन में जितना समय मिले पूरी आस्था और सात्विकता के साथ शिव जी की आराधना करें क्योंकि सावन में तो शिव जी बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं. विभिन्न ग्रह हमारे कर्मों व प्रारब्ध के कारण कष्ट देते हैं लेकिन इस सम्पूर्ण न्याय विभाग के संचालन कर्ता मुख्य रूप से शिव जी ही हैं और उनकी कृपा से ग्रहों के कष्ट से मुक्ति मिल जाती है.
बहुत से भक्त करते हैं कांवड़ यात्रा
सावन के महीने में ही शिव भक्त गंगा या अन्य पवित्र नदियों के जल को मीलों की दूरी तय करके अपने कंधे पर कांवड़ के रूप में लाते हैं और भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं. इस पूरी पदयात्रा में जो समर्पण और भाव तथा शिव भक्ति होती है वह निसंदेह वंदनीय होती है.