क्या बेटियों को बचने के लिए उन्हें छुपाना पड़ेगा: फहीम सिद्दीकी
लखनऊ । उत्तर प्रदेश में अपराध के सारे रिकॉर्ड टूट रहे हैं। अपहरण, बलात्कार, हत्या में उत्तर प्रदेश नंबर वन पर है कानून व्यवस्था धवस्त हो चुकी है, इसी को लेकर राष्ट्रपति को एक ज्ञापन दिया गया जिसमे मांग की गयी है की उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति राज लागू किया जाये। उत्तर प्रदेश की मौजूदा बीजेपी सरकार में अपराध अपनी चरम सीमा पार कर चुकी है, सरकार का गुंडों और अपराधियों पर कोई नियंत्रण नहीं है, हर रोज किशोरियों का अपहरण, बलात्कार और हत्या हो रही है, ताजा मामले हाथरस, बलरामपुर, प्रयागराज, लखीमपुर का है। इस समय उत्तर प्रदेश अपराध प्रदेश बन चुका है, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा अच्छा लगा था, लेकिन यह नारा भी चुनावी नारा बनकर रह गया जो अब बेटी जलाओ और अपराधी बचाओ बन गया है, सरकार बेबस नजर आ रही है, गुंडे बेखौफ होकर अपराध कर रहे हैं कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं बची है, आपका ध्यान निम्न बिंदुओं की ओर आकर्षित कराना चाहते हैं। हाथरस कांड के अपराधियों को क्यों बचा रही है सरकार? हाथरस, बलरामपुर, भदोही कि गरीब बेटियों के परिवारों के साथ न्याय हो।हाथरस कांड के बलात्कारियों की फोटो सरकार चौराहों पर लगवाए।क्या पीडि़त परिवार से मिलने जाना अपराध है? यदि नहीं तो उन बेगुनाहों को तुरंत रिहा किया जाए। अपराध की खुली छूट क्या यही योगी का रामराज है?अगर अपराधियों को सजा न मिली तो बेटियों को बचाने के लिए बेटियों को छुपाना पड़ेगा। अपराधियों की हिमायत में सरकार को धमकी देना कानूनन अपराध है ऐसे लोगों पर एनएसए लगाया जाए। मनीषा की लाश को पुलिसकर्मियों ने रात के अंधेरे में खुद ही जला दिया। जबकि परिवार के सदस्यों को उनके घर में ही कैद कर दिया गया था मां रोती बिलखती रही उसको अपनी बच्ची का चेहरा भी नहीं देखने दिया गया। पुलिस को यह अधिकार किसने दिया कि परिवार के होते हुए वह खुद पेट्रोल डालकर लाश को जला दें। क्या अंतिम संस्कार पेट्रोल डालकर होता है? ऐसे दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई हो। ज्ञापन देने वालों में इंडियन नेशनल लीग के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हाजी फहीम सिद्दीकी, राष्ट्रीय भागीदारी आंदोलन के संयोजक पी सी कुरील, राष्ट्रीय सामाजिक कार्यकर्ता मुहम्मद आफाक, नेशनल वीमेन लीग की जिला अध्यक्ष फातिमा, जनरल सेक्रेट्री अफसाना सिद्दीकी, राष्ट्रीय भागीदारी आंदोलन के जिला अध्यक्ष रानी, वार्ड अध्यक्ष शबाना, कब्रिस्तान बचाओ समिति के अध्यक्ष मुहम्मद हुसैन, आदि मौजूद थे।