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Disclosure of PFI Network : आतंकियों के निशाने पर थे पीएम मोदी, जाने पूरी खबर…

पटना। Disclosure of PFI Network : आतंकियों के निशाने पर थे पीएम मोदी, जाने पूरी खबर……  पटना में आतंकियों के बड़े नेटवर्क का खुलासा हुआ है। पटना दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन आतंकियों के निशाने पर थे। इसके लिए 15 दिन से ट्रेनिंग दी जा रही थी। इन लोगों ने नूपुर शर्मा समेत इस्लाम के खिलाफ बोलने वालों की लिस्ट तैयार की थी। राजस्थान के उदयपुर और महाराष्ट्र के अमरावती की तरह बदला लेने की प्लानिंग थी। प्रधानमंत्री के दौरे से एक दिन पहले ही पुलिस ने दो संदिग्ध आतंकियों अतहर परवेज और मोहम्मद जलालुद्दीन को गिरफ्तार कर लिया। अतहर ने पुलिस को बताया कि इस मुहिम में 26 लोग शामिल थे, जिनकी पटना में ट्रेनिंग चल रही थी।

Disclosure of PFI Network : नूपुर शर्मा समेत इस्लाम के खिलाफ बोलने वालों की लिस्ट तैयार थी

सभी पापुलर फ्रंट आफ इंडिया यानी पीएफआई और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी आफ इंडिया यानी एसडीपीआई से भी जुड़े थे। इन दोनों की सूचना पर गुरुवार को फुलवारी शरीफ के रहने वाले अरमान मलिक को गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में यह तीसरी बड़ी गिरफ्तारी है। अरमान भी पीएफआई की मीटिंग में शामिल होता था। तीनों संदिग्धों से अभी पूछताछ चल रही है। कुल 26 लोगों पर एफआईआर दर्ज है। आतंकियों के पास से इंडिया 2047 नाम के डाक्यूमेंट भी मिला है।

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पुलिस के हाथ लगे 7 पेज के डाक्यूमेंट में पूरी प्लानिंग का जिक्र है। बताया गया है कि पटना के फुलवारी शरीफ के अहमद पैलेस की दूसरी मंजिल को ट्रेनिंग सेंटर बना दिया गया था। इसमें बिहार के बाहर के लोग भी आ रहे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पटना दौरे से एक दिन पहले यानी 11 जुलाई की शाम को आईबी (इंटेलिजेंस ब्यूरो) के इनपुट पर पुलिस ने नया टोला में छापेमारी कर जलालुद्दीन और गुलिस्तां मोहल्ला स्थित घर से अतहर को पकड़ा था। इनके बैंक अकाउंट से 80 लाख से ज्यादा का ट्रांजैक्शन मिला है।

Disclosure of PFI Network : आतंकियों को 15 दिन हुई ट्रेनिंग

फुलवारी शरीफ के एएसपी मनीष कुमार ने बताया कि ये मिशन 2047 पर काम कर रहे थे। ये लोग भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाना चाहते थे। इसी टारगेट को पूरा करने के लिए मुस्लिम युवाओं को हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जा रही थी। ईडी अब इन्हें फंडिंग करने वालों की जांच करेगी। गिरफ्तार आतंकियों में एक झारखंड पुलिस का रिटायर्ड दरोगा जलालुद्दीन और दूसरा उसका साथी अतहर परवेज है। इन दोनों पर आरोप है कि मार्शल आर्ट और शारीरिक शिक्षा देने के नाम पर हथियार चलाने की ट्रेनिंग देते थे।

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दोनों पर धार्मिक उन्माद फैलाने और आतंकवादी गतिविधि करने का भी आरोप है। एएसपी ने यह भी बताया कि 2001, 2003 और 2013 में आतंकी गतिविधियों में हुई सभी गिरफ्तारी में अतहर बेलर रहा है। पुलिस ने इसका सत्यापन कर लिया है। 6-7 जुलाई को मार्शल आर्ट के नाम पर बिहार, तमिलनाडु, झारखंड और पश्चिम बंगाल से आए युवकों को ट्रेनिंग दी गई। साजिश थी भारत को 2047 तक इस्लामी राष्ट्र बनाना।

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पुलिस ने इनके ठिकानों से कई आपत्तिजनक बैनर, पैम्फलेट, वीडियो समेत अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं। 11 जुलाई से दोनों से पूछताछ की जा रही थी। सबूत मिलने के बाद पुलिस ने बुधवार को दोनों को मीडिया के सामने पेश किया। एएसपी ने बताया कि अतहर के विभिन्न बैंकों में तीन अकाउंट हैं। इनमें 83 लाख रुपए जमा हैं। पुलिस का कहना है कि तीनों अकाउंट्स को फ्रीज कराया जाएगा।

Disclosure of PFI Network : सिमी के पुराने सदस्यों को जोड़ कर बना रहे थे गुप्त संगठन

गिरफ्तार मो. जलालुद्दीन प्रतिबंधित आतंकी संगठन सिमी का एक्टिव सदस्य रहा है। अब यह पापुलर फ्रंट आफ इंडिया (पीएफआई) का भी एक्टिव मेंबर है। पूछताछ में इसने खुलासा किया है कि पीएफआई से सिमी के पूर्व सदस्यों को जोड़ा जा रहा है। इसके बाद इन्हें जोड़कर एक गुप्त संगठन तैयार किया जा रहा है। इस गुप्त संगठन को एक बड़ा टारगेट दिया गया है।

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