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पंजाब में आप से परेशान होने के बावजूद चुप है कांग्रेस  (पंजाब )

नई दिल्‍ली. पुराने ड्रग्स मामले में पंजाब कांग्रेस विधायक सुखपाल खैरा की गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की धीमी प्रतिक्रिया दी है. इसी मामले में पंजाब  (पंजाब ) कांग्रेस के नेताओं की तीखी प्रतिक्रिया दे रहे थे और उन्‍होंने आम आदमी पार्टी के खिलाफ काफी कुछ कहा था. एक ही पार्टी की प्रतिक्रिया उस दुविधा को दर्शा रही है जिसने I.N.D.I.A. मोर्चे के हिस्से के रूप में राज्य की सत्तारूढ़ AAP के साथ गठबंधन को लेकर पार्टी को प्रभावित किया है.

कांग्रेस को दिल्ली सेवा विधेयक पर आम आदमी पार्टी का समर्थन करने के लिए मजबूर होना पड़ा था. गठबंधन के अन्‍य सहयोगी दलों ने कांग्रेस को इसके लिए मनाया था. गठबंधन के सहयोगी दलों ने कांग्रेस से कहा था कि 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को हराने के बड़े लक्ष्य की खातिर वह AAP का समर्थन कर दें. इसके बाद आप नेता राघव चड्ढा और मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल दोनों ने दिल्ली बिल और चड्ढा की अयोग्यता पर उनका समर्थन करने के लिए राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे को धन्यवाद दिया था.

पंजाब के कांग्रेस नेताओं ने राहुल गांधी को दी थी सलाह लेकिन…
एक आंतरिक बैठक में पंजाब के कई नेताओं ने राहुल गांधी को चेतावनी दी थी कि आम आदमी पार्टी पर भरोसा नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा था कि वे सांप की तरह हैं, वे हमें काट लेंगे. और जब अरविंद केजरीवाल ने छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में चुनाव प्रचार किया, जहां भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी लड़ाई देखी जा रही है, तो नेता पलट गए और शीर्ष नेतृत्व से कहा, “हमने आपको ऐसा बताया था.”
पंजाब कांग्रेस के नेताओं ने आम आदमी पार्टी के खिलाफ जाहिर किया था गुस्‍सा
सुखपाल खैरा की गिरफ़्तारी के साथ, ये नकारने वाले सही साबित हो गए हैं. जैसे ही यह खबर आई, न केवल खैरा, बल्कि पंजाब कांग्रेस के अधिकांश नेताओं जैसे अमरिंदर सिंह राजा वारिंग और प्रताप बाजवा ने अपना गुस्सा जाहिर किया था और भगवंत मान सरकार पर राज्य में उनके कैडर को कमजोर करने और उनका मनोबल गिराने के लिए कानून और राज्य मशीनरी का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया था. इससे उलट केंद्रीय नेताओं में से अधिकतर लोगों ने दृढ़ता से प्रतिक्रिया नहीं की. और जब उन्होंने बयान दिया भी तो उनकी तुलना में प्रतिक्रिया धीमी थी. जैसा कि कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने कहा, ‘हमें मामले का अध्ययन करना होगा. अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.’

आप की कार्रवाई पर ज्‍यादातर विपक्षी दल हैं खामोश
पर्यवेक्षकों का कहना है कि यह पार्टी की गठबंधन की मजबूरियों को उजागर करता है. ऐसी ही स्थिति में, जब कोई टीएमसी, डीएमके या कांग्रेस नेता कानून का सामना करता है, तो विपक्ष भाजपा पर एजेंसियों का दुरुपयोग करने और राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप लगाता है. इधर, ज्यादातर विपक्षी दल खामोश हैं. इतना ही नहीं, जबकि सीबीआई दिल्ली के सीएम केजरीवाल के आवास में कथित अनियमितताओं की जांच कर रही है, किसी ने भी कांग्रेस नेताओं को आप या पार्टी संयोजक पर हमला करते नहीं देखा है. दरअसल ये विरोधाभासी रुख और दुविधाएं ही हैं जो विपक्षी एकता की खामियों को उजागर कर रही हैं.

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