प्रदेश में हुए तबादलों के जांच की मांग
लखनऊ। अब CM योगी आदित्यनाथ के अपने विभाग में भी ट्रांसफर पर सवाल खड़े होने लगे है। कर्मचारियों ने इसको लेकर विरोध करना शुरू कर दिया है। इससे मुख्यमंत्री की तरफ से लागू तबादला नीति से सही से पालन किया जा सके।स्थिति यह है कि अकेले कानपुर और लखनऊ में ही 150 से ज्यादा तबादलों पर सवाल उठ रहे हैं।
प्रदेश में करीब 500 ऐसे तबादले हुए हैं, जिनकी जांच की मांग चल रही है। कुछ लोगों का तबादला किया गया तो उसी क्षेत्र में कर दिया गया है। उसको लेकर सवाल खड़े हो गए हैं। सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार का आरोप कानपुर में लगा है। कानपुर इंडस्ट्री के हिसाब से बड़ा सेंटर है। यह सब एक ही पटल पर पिछले 5 से लेकर 15 साल से नौकरी कर रहे हैं।
जबकि कुछ लोगों का हुआ भी तो उनका खंड तक नहीं बदला गया है। यह नियमों के खिलाफ है।UP स्टेट टैक्स मिनिस्ट्रियल स्टॉफ एसोसिएशन के प्रांतीय महामंत्री जय प्रकाश मौर्य ने बताया कि इसको लेकर शासन स्तर पर पांच से ज्यादा पत्र लिखे हैं।
8 जुलाई से ही कर्मचारी संगठन लगातार शिकायतें कर रहे हैं। बावजूद इसके इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। जय प्रकाश मौर्य बताते हैं कि लखनऊ मंडल कार्यालय में ऐसे 20 कर्मचारी हैं जिनका तबादला होना था, लेकिन हुआ नहीं है।