उत्तर प्रदेश

सिस्टम में गहरी खामियां अधिकारों का केंद्रीकरण और जवाब देही की कमियां अधिकारियों को महसूस होने लगी !

उत्तर प्रदेश – सिस्टम में गहरी खामियां अधिकारों का केंद्रीकरण और जवाब देही की कमियां अधिकारियों को महसूस होने लगी ,
बसपा ने पूरे सिस्टम को तहस-नहस कर दिया , बहुजन समाज पार्टी की सरकार ने पूरे सिस्टम को भ्रष्ट की श्रेणी मे ला कर खड़ा कर दिया और समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी की सरकारों ने उसको सुधारने के बजाय इसे और बढ़ावा दिया , पहले अधिकारियों को हटाने का अधिकार कमिश्नर और कलेक्टर को होता था , लेकिन पैसे कमाने के चक्कर में बसपा सरकार ने सारा अधिकार शासन को दे दिया ,

इसीलिए कर्मचारी जिले के अधिकारियों से डरते नहीं है , क्योंकि हर अधिकारी लखनऊ से जुड़ा होता है, मुख्यमंत्री के बगल वाले जिले में यह हाल है तो और जगहों पर क्या हाल होगी, जिलाधिकारी संत कबीर नगर महेंद्र सिंह तवर ने अधिशासी अभियंता सिंचाई विभाग विश्वनाथ शुक्ला से पूछा कि खजुरिया माइनर सतहरा गांव से महोबरा तक में अभी तक क्या कार्रवाई हुई ,

पत्र मिला अधिशासी अभियंता ने कहा हमें कोई पत्र नहीं मिला जिला कलेक्टर ने कहा मैं खुद एक बार 27 पत्र और दूसरी बात 7 पत्र आपको 10 दिन पहले भेजा हूं ,अभी तक आपको मिला नहीं , तब अधिशासी अभियंता ने कहा सर मिल गया है उन्होंने कहा झूठ क्यों बोला डीएम साहब ने कहा कि भूमि का अधिग्रहण कब हुआ था,

अभियंता ने कहा कि 27 साल पहले कलेक्टर ने कहा इसका मुआवजा दिया गया है और नहीं दिया गया है तो किस आधार पर पटरी और सड़क का निर्माण हो रहे हैं ,और दिया गया है तो उसका रिकॉर्ड हमें भेजें फरियादियों की इतनी भीड़ थी, डीएम ने कहा आप लोग की कोई गलती नहीं है पूरा सिस्टम गड़बड़ हो गया है ,अधिकार छिन गए हैं,इसीलिए ऐसी भाषा बोल रहा है , जिन पत्रों पर मैंने आख्या मांगा उस पर भी उसने झूठ बोल दिया ,फरियादी कहने लगी डीएम साहब सबसे अच्छे हैं सिंचाई वाले मनमानी कर रहे हैं , और यह हालत है वर्तमान मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री के बगल का

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