अंतराष्ट्रीय

श्रीलंका में इमरजेंसी (Emergency)का ऐलान

कोलंबो. श्रीलंका में अफरा-तफरी का माहौल लगातार जारी है. राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे देश छोड़ कर मालदीव भाग गए हैं. इस बीच प्रदर्शनकारियों ने अब प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को हटाने की मांग तेज़ कर दी है. देश में इमरजेंसी (Emergency) का ऐलान कर दिया गया है. लेकिन कोई इसे मानने के लिए तैयार नहीं है. हजारों प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री कार्यालय का घेराव किया.

तेज़ी से बदल रहे घटनाक्रम के बीच फिलहाल क्या है श्रीलंका का हाल? क्या अब प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे को भी छोड़नी पड़ेगी कुर्सी. आईए एक नज़र डालते हैं अब तक के 10 बड़े अपडेट पर…

बुधवार को इस्तीफा देने का वादा करने वाले 73 वर्षीय राजपक्षे ने देश छोड़कर जाने के कुछ घंटे बाद प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त किया गया. अब वहां नए सिरे से विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं.
विक्रमसिंघे ने कहा कि उन्होंने सुरक्षा बलों को हालात सामान्य करने के लिए आपातकाल और कर्फ्यू लगाने का निर्देश दिया है. सशस्त्र बलों के प्रमुखों की एक समिति को ये काम करने की जिम्मेदारी दी गई है जिसमें राजनीतिक हस्तक्षेप बिल्कुल नहीं होगा.
सरकार विरोधी प्रदर्शनकारी और उग्र हो गए हैं. ये सब देश में अर्थव्यवस्था की खराब स्थिति को लेकर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों का इस्तीफा चाहते हैं.
हजारों प्रदर्शनकारियों ने आपातकाल को धता बताते हुए और श्रीलंका के झंडे लहराते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय का घेराव किया. विक्रमसिंघे ने कहा कि कुछ प्रदर्शनकारी ग्रुप ने प्रधानमंत्री कार्यालय पर कब्जे की योजना बनाई और राष्ट्रपति को मालदीव जाने के लिए वायु सेना का विमान उपलब्ध कराने पर वायु सेना के कमांडर के आवास को घेर लिया.
संकटग्रस्त श्रीलंका में देश के सरकारी टेलीविजन चैनल ‘रूपवाहिनी’ ने बुधवार को प्रसारण कुछ समय के लिए सस्पेंड कर दिया. दरअसल प्रदर्शनकारियों ने इसकी इमारत पर धावा बोल दिया. इसके एक घंटे से भी कम समय बाद एक दूसरे सरकारी टेलीविजन चैनल का प्रसारण भी रोक दिया गया.
मालदीव सरकार की दलील है कि राजपक्षे अब भी श्रीलंका के राष्ट्रपति हैं और उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया है या अपने अधिकार किसी उत्तराधिकारी को नहीं सौंपे हैं. सूत्रों ने कहा कि इसलिए यदि राजपक्षे मालदीव की यात्रा करना चाहते हैं तो इससे इनकार नहीं किया जा सकता था.
मालदीव के सरकारी सूत्रों ने कहा है कि नागरिकों के डर से, श्रीलंका के राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे ने मालदीव सरकार से उन्हें सिंगापुर ले जाने के लिए एक निजी जेट की व्यवस्था करने का अनुरोध किया है. राजपक्षे अपना इस्तीफा सौंपे बिना मालदीव भाग गए थे.
बुधवार को ही श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग ने इन खबरों को निराधार बताकर पूरी तरह खारिज कर दिया कि उसने राजपक्षे के मालदीव जाने में मदद की.
बीबीसी ने सूत्रों के हवाले से खबर दी कि राजपक्षे के छोटे भाई और पूर्व वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे भी देश छोड़कर चले गए हैं. इससे पहले सोमवार की रात राजपक्षे और उनके भाई बासिल ने परिवार के खिलाफ बढ़ते जनाक्रोश के बीच देश छोड़ने की कोशिश की, लेकिन उन्हें हवाई अड्डे से लौटना पड़ा.
श्रीलंका के कैथोलिक चर्च के आर्चबिशप कार्डिनल मेलकोम रंजीत ने बुधवार को सभी पक्षों से शांति बनाये रखने एवं संयम बरतने का आग्रह किया. साथ ही चेतावनी दी कि अशांत स्थिति के दौरान बाहरी ताकतें देश के आंतरिक मामलों में दखलंदाजी कर सकती हैं.

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