कानपुर हिंसा के जांच में निर्दोष पाए जाने पर होगा फैसला
कानपुर । कानपुर (innocent) में 3 जून को हुई हिंसा के मामले में एक नया मोड़ सामने आया है। एसआईटी और पुलिस की जांच में छह लोगों को निर्दोष (innocent) पाया गया है। बीती 25 जुलाई को निर्दोषों को छोड़ने के लिए पुलिस कमिश्नर से मुस्लिम संगठनों और धर्मगुरुओं से मिले थे और कमिश्नर ने वादा किया था कि निर्दोष लोगों को जेल से छुड़ाने की कार्रवाई को जल्द किया जाएगा।
इनमे बुधवार देर रात शानू लफ्फाज और शारिक को जेल से रिहा कर दिया गया। जेल में 57 दिन काटने के बाद फेथफुलगंज निवासी शारिक टेलरिंग का काम करने वाले अहमद उर्फ रईस ने जेल से बाहर आने के बाद मीडिया से बातचीत की। शारिक ने बताया कि 5 जून की रात को किसी पुलिस वाले का फोन आया।
उसने कहा बेकनगंज थाने आ जाओ दरोगा को कुछ बात करनी है। वह थाने पहुंचे। पुलिस में किसी ने उनसे बात नहीं की न उनसे कुछ पूछा। चार अन्य लोगों की रिहाई पर आज यानी गुरुवार को फैसला लिया जाएगा। बताया कि, घर में ही उनकी छोटी सी टेलर की दुकान है।
3 जून की याद करते हुए शारिक ने कहा कि वह नई सड़क की तरफ गए ही नहीं थे। 6 जून को बस उनका चालान कटा और वह जेल चले गए। परिवार में पत्नी राजिया और बेटे इरफान ने पुलिस के सामने सारे साक्ष्य प्रस्तुत कर दिए।
शारिक ने कहा मुझे कानून पर भरोसा है मालूम था कि मेरे साथ नाइंसाफी नहीं होगी। शारिक ने बताया कि जेल में नई सड़क मामले में बंद हुए लोगों में लगभग डेढ़ दर्जन लोग ऐसे हैं जो यह कहते हैं कि वह भी घटना में शामिल नहीं थे उसके सबूत भी उनके पास है।