लखनऊ

जानलेवा हवा है अंकलेश्वर और भरूच की सूरत का समुद्री डुमास बीच भी कीचड़ में तब्दील !

लखनऊ -: भरूच जिले के वागरा स्थित, कीटनाशक और खरपतवारनाशक केमिकल (2,4-D और 2, 4- DB) का उत्पादन करने वाली, औद्योगिक इकाई मेघमनि ऑर्गेनिक्स लिमिटेड ने जरूरी सावधानी नहीं बरती। उत्पादन के दौरान हुए उत्सर्जन से ये केमिकल हवा के बहाव के साथ फैल गया। हवा में इनकी मात्रा बढ़ने पर फसल समेत सभी वनस्पतियां प्रभावित हुईं। राज्य के किसानों के संगठन खेदुत समाज ने इस मामले में गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की।

संस्था की भरूच जिला इकाई के महामंत्री और बोरी गांव के किसान कौशिक भाई पटेल भी प्रभावित किसानों में से एक हैं। वह बताते हैं, “मैं 10 एकड़ में कपास उगाता हूं। वर्ष 2017 से ही हमें कपास की फसल में खराबी दिखनी शुरू हो गई थी। 2021 में जब किसानों की फसल बड़े स्तर पर प्रभावित हुई, हमने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, स्थानीय प्रशासन समेत सभी संबंधित विभागों को सूचना दी। किसानों पर औद्योगिक प्रदूषण की ये बड़ी मार थी। हमें अभी तक इसका मुआवजा भी नहीं दिया गया है!”

किसान अब भी इस केमिकल रिसाव का असर महसूस करते हैं। कौशिक भाई कहते हैं “आज भी हम मूंग दाल उगाने की कोशिश करते हैं तो पूरा उत्पादन नहीं मिल पा रहा है। कंपनी ने इसका उत्पादन तो कम कर दिया है, जिससे हमारी फसलें अभी बची हुई हैं, लेकिन भविष्य के लिए आवश्यक कदम नहीं उठाए गए तो यहां के खेतों में कपास देखने को नहीं मिलेगी। जहरीले रसायनों के कण हवा के साथ-साथ मिट्टी को भी खराब कर रहे हैं”

गुजरात के अरब सागर किनारे बने डुमास बीच को भारत के सबसे डरावने बीचों में से एक माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि यहां कई भूतिया आत्माएं रहती हैं.

डुमास बीच की खास बातें:

  • यह बीच काली रेत के लिए भी जाना जाता है.
  • लोककथाओं के मुताबिक, काली रेत मृतकों को जलाने से बनी राख की वजह से है.
  • ऐतिहासिक रूप से, डुमास बीच एक हिंदू कब्रिस्तान के रूप में इस्तेमाल होता था.
  • स्थानीय लोगों का मानना है कि यहां दाह संस्कार किए गए लोगों की आत्माएं भटकती हैं.
  • इस वजह से यहां कई अपसामान्य गतिविधियों की रिपोर्टें सामने आती हैं.
डुमास बीच से जुड़ी कुछ और बातें:
  • यह बीच गुजरात की सबसे डरावनी जगहों में से एक माना जाता है.
  • कुछ लोगों का मानना है कि डुमास बीच पर कई भूतिया आत्माएं रहती हैं जो इस क्षेत्र से कभी बाहर नहीं गईं.
  • सैय्यद अली हसनैन आब्दी फै़ज़ पर्यावरण एवम वन्यजीव संरक्षण वादी लखनऊ 7905335493

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