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सीआरपीएफ(CRPF ) जल्द हीं K9 विज़न से लैस BSM कुत्तों की करेगा तैनाती

नई दिल्ली: उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों और आतंकवाद विरोधी अभियानों में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) (CRPF ) की परिचालन इकाइयां जल्द ही कुत्तों का उपयोग दूरस्थ निगरानी और शिविरों में उपकरण भेजने के लिए कर सकेंगी. कुछ ऐसा जो अब तक केवल संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएस) के विशेष बल और कनाडा के विशेष बल ही कर पाए हैं. इसके लिए भारत जल्द ही K9 विजन सिस्टम और कैनाइन रिमोट डिप्लॉयमेंट सिस्टम की खरीदारी करेगा.

एएनआई को प्राप्त एक दस्तावेज के मुताबिक ‘वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई)’ और ‘जम्मू और कश्मीर’ के आईईडी प्रभावित क्षेत्र में तैनात सीआरपीएफ की परिचालन इकाइयां K9 टीमों के प्रावधान के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं. सीआरपीएफ K9s और BSM (बेल्जियम शेफर्ड मालिंस) के पिल्लों के वर्किंग लाइन ब्रीडिंग स्टॉक की खरीद की प्रक्रिया में है. सीआरपीएफ ने खरीद के लिए गुणात्मक आवश्यकताएं और परीक्षण के निर्देश जारी किये हैं.

CRDS एक K9 माउंटेड उपकरण है जिसे UNDERDOG के रूप में दूरस्थ क्षेत्रों में भेजा जाता है. ये रिलीज क्रियाविधि से जुड़ा हुआ है. यह प्रणाली ‘हॉट जोन’ के अंदर दूर-दूर तक व्यापक श्रेणी के उपकरणों जैसे कि ब्रीचिंग चार्ज, बगिंग डिवाइस, पोर्टेबल जैमर, जीवन रक्षक दवाएं और तकनीकी गैजेट्स देने में बहुत प्रभावी है. यह प्रणाली कुछ परिस्थितियों में अत्यंत सहायक साबित हुई, इनका उपयोग अक्सर तब किया जाता है जब मानव हस्तक्षेप लगभग असंभव होता है या अत्यधिक खतरे का सामना नहीं करने की सिफारिश की जाती है. सीआरडीएस का उपयोग वर्तमान में यूएस और कनाडाई विशेष बलों की विशेष बलों की इकाइयों द्वारा विभिन्न कार्यों में किया जाता है.

दस्तावेज पढ़ें

पेलोड का अधिकतम वजन 800 ग्राम तक होना चाहिए. गिरने या नुकसान से सुरक्षा के लिए इसको मजबूत कवर देना होता है.

अर्धसैनिक बल एक अन्य गैजेट की प्रभावकारिता का भी मूल्यांकन कर रहा है, जिसे K9 विजन सिस्टम कहा जाता है, जो एक कैनाइन कैमरा सिस्टम है. इसका उपयोग दुनिया भर के विशेष बलों द्वारा किया जाता है.
सिस्टम में फ्रंट और रियर कैमरा, नाइट विजन, कॉलर, पाउच और रेडियो इंटीग्रेशन शामिल है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हैंडलर K9 से जुड़ा है. एक उच्च गुणवत्ता वाले वीडियो और रेडियो प्रसारण का अर्थ है कम समय में परिचालन क्षमताओं को अधिकतम करना है.
सीआरपीएफ द्वारा रखी गई शर्तों के अनुसार, सिस्टम ‘कलाई स्क्रीन’ सुविधा से लैस हो और जिसे कम-से-कम 450 मीटर की दूरी से रिमोट से कंट्रोल किया जा सके.
दोनों सिस्टम की खरीद से पहले उनकी क्षमताओं को समिति के सामने रखा जाएगा.
CRPF के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, “जम्मू-कश्मीर में नक्सल विरोधी अभियानों और आतंकवाद विरोधी अभियानों के दौरान सीआरपीएफ कर्मियों के लिए कुत्तों की सूंघने की शक्ति सबसे बड़ा लाभ है. नक्सल क्षेत्रों में प्रत्येक बटालियन में 14 कुत्ते होते हैं और हर बार जब कोई टीम गश्त पर जाती है, तो कुत्ते टीम से आगे निकल जाते हैं. किसी भी घात, विस्फोटक या बारूदी सुरंग का पता लगाकर अपनी टीम को सचेत कर देते हैं. CRDS और K9 विजन सिस्टम की तैनाती से इन प्रभावित क्षेत्रों में गश्त करने वाली इकाइयों को अधिक शक्ति मिलेगी.”

हालांकि, सीआरपीएफ ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि वे केवल बेल्जियम शेफर्ड (बीएसएम) नस्लों की खरीद और तैनाती एलडब्ल्यूई और जम्मू और कश्मीर क्षेत्रों में उनकी ध्वनि संवेदनशीलता और दृष्टि संवेदनशीलता के लिए करेंगे.

सीआरपीएफ के एक अधिकारी ने बताया, “बीएसएम दुनिया का सबसे अच्छा पुलिस कुत्ता है. यह एक आजमाई हुई और परखी हुई नस्ल है. विभिन्न संगठन अपनी आवश्यकता के अनुसार विभिन्न नस्लों का उपयोग करते हैं. कुछ बल लैब्राडोर और कॉकर स्पैनियल का उपयोग करते हैं क्योंकि वे मेट्रो, हवाई अड्डों और अन्य सार्वजनिक स्थान में सूंघने के लिए उपयोग किए जाने वाले अनुकूल कुत्ते हैं.”

 

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