बंगाल से लेकर ओडिशा Odisha.)तक लोगों में पैदा किया भय.

नई दिल्ली. ओडिशा ( Odisha.) और बंगाल में दो नई बीमारियों ने बच्चों और वयस्क लोगों को अपना शिकार बनाया है. पहली बीमारी ओडिशा में अपने पैर पसार रही है जहां पांच बच्चों के बीमारी में चपेट में आने के बाद कैदियों में भी इसके लक्षण देखें गए. ओडिशा के बालासोर में स्थित सोरो में एक आवासीय विद्यालय के पांच छात्रों के कथित तौर पर जापानी एन्सेफलाइटिस की चपेट में आने के बाद, चार और कैदियों को हालत बिगड़ने के बाद जिला मुख्यालय अस्पताल (DHA) में स्थानांतरित किया गया.
रिपोर्ट के अनुसार पुरुबाई कन्याश्रम के पांच छात्रों के पॉजिटिव पाए जाने के बाद मस्तिष्क संक्रमण (Brain Infection) की आशंका ने लोगों में डर पैदा कर दिया है. इस आवासीय विद्यालय के 26 बच्चों के नमूने परीक्षण के लिए भेजे गए थे, जिनमें से पांच नमूने जापानी एन्सेफलाइटिस के लिए सकारात्मक पाए गए, जो मच्छर के काटने से होने वाला वायरल मस्तिष्क संक्रमण है. इसके बाद सोमवार रात सोरो अस्पताल में इलाज करा रहे चार अन्य छात्रों की हालत बिगड़ गई जिसके बाद उन्हें भी डीएचएच में भर्ती कराया गया. वहीं चार कैदियों को भर्ती कराये जाने के बाद 24 अन्य कैदियों को भी दस्त, गंभीर सिरदर्द और मतली की शिकायत के बाद सोरो अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
इस बीमारी के कारण नीलगिरि के दहानिमारा इलाके के 10वीं कक्षा के छात्रा की शनिवार को अस्पताल में मौत हो गई. बाद में मृतक लड़की के परिजनों ने आरोप लगाया कि कन्याश्रम के अधिकारियों ने उन्हें समय पर मौत की सूचना नहीं दी.
बंगाल में एडेनोवायरस का कहर
जहां ओडिशा में जापानी एन्सेफलाइटिस ने लोगों में खौफ पैदा किया है तो वहीं पश्चिम बंगाल में एडेनोवायरस के कहर से लोग डरे हुए हैं. कोलकाता में एडेनोवायरस के कारण होने वाले वायरल संक्रमण पर अपनी राय साझा करते हुए संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ सायन चक्रवर्ती ने कहा है कि बच्चों की कम रोग प्रतिरोधक क्षमता के कारण जोखिम उच्च होता है. डॉक्टर ने बताया कि कम इम्युनिटी के कारण बच्चे एडेनोवायरस की चपेट में अधिक आते हैं. वयस्कों में बच्चों की तुलना में अधिक रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है, इसलिए बच्चों के वायरस से संक्रमित होने की संभावना अधिक होती है.
डॉ चक्रवती ने बताया कि इस वायरस के कारण उनके ही अस्पताल में 150 लोग भर्ती हैं. बच्चों की बात करें तो 8 आईसीयू बेड में से 6 में एडेनोवायरस इंफेक्शन से पीड़ित बच्चे हैं. सामान्य वार्ड में सांस की बीमारी के करीब 16 मरीज भर्ती हैं. जबकि अगर एडेनोवायरस और अन्य वायरस दोनों से होने वाले संक्रमण की बात करें तो अस्पताल में बच्चों और वयस्कों को मिलाकर कुल लगभग 150 मरीज भर्ती हैं.