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पूर्व मुख्यमंत्री (former Chief Minister)मुफ्ती मोहम्मद की बेटी के खिलाफ कोर्ट ने जारी किया वारंट

जम्मू. जम्मू की एक अदालत ने जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री  (former Chief Minister)   मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद के खिलाफ मंगलवार को ज़मानती वारंट जारी किया. रुबैया 1989 में जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के सदस्यों द्वारा किए गए उनके (रुबैया के) अपहरण के मामले में जिरह के लिए अदालत में पेश नहीं हुई थीं. इस मामले में एक आरोपी जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक दिल्ली की तिहाड़ जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अदालत में पेश हुआ.

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की स्थायी अधिवक्ता मोनिका कोहली ने बताया कि मलिक ने व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होने का आग्रह किया है और कानूनी सहायता उपलब्ध कराने की अदालत की पेशकश को ठुकरा दिया है. रुबैया ने 15 जुलाई को मलिक और तीन अन्य की उन लोगों के रूप में शिनाख्त की थी जिन्होंने उनका 33 साल पहले अपहरण किया था.

रुबैया को लाल डेड अस्पताल के पास से आठ दिसंबर 1989 को अगवा कर लिया गया था. उस समय उनके पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद केंद्रीय गृह मंत्री थे. उन्हें पांच दिन तक कैद रखने के बाद 13 दिसंबर को तब मुक्त किया गया था जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के समर्थन वाली वीपी सिंह सरकार ने पांच आतंकवादियों को रिहा किया था.

रुबैया तमिलनाडु में रहती हैं और सीबीआई के अभियोजन के गवाहों में उनका नाम भी है. केंद्रीय एजेंसी ने 1990 की शुरुआत में जांच अपने हाथ में ली थी. सीबीआई की वकील ने कहा, ‘रुबैया को जिरह के लिए (मंगलवार को) अदालत में पेश होना था लेकिन वह गैर हाज़िर रहीं. अदालत ने उनके खिलाफ सुनवाई की अगली तारीख 21 सितंबर को अदालत में पेश होने के लिए जमानती वारंट जारी किया है.’

कोहली ने कहा कि मलिक ने एक बार फिर जोर दिया कि उसे व्यक्तिगत तौर पर अदालत में पेश किया जाए ताकि वह गवाहों से जिरह कर सके, जबकि अदालत ने उसे कानूनी सहायता की पेशकश की जिसे उसने स्वीकार करने से इनकार कर दिया. मलिक (56) दिल्ली की उच्च सुरक्षा वाली तिहाड़ जेल बंद है. उसे मई में दिल्ली की एनआईए अदालत ने सज़ा सुनाई थी. उसे 2019 की शुरुआत में आतंकवाद का वित्त पोषण करने के मामले में राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी ने गिरफ्तार किया था.

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