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भ्रष्टाचार (Corruption)एक ऐसा पेड़ है, जिसकी शाखाएं हर जगह..

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने भ्रष्टाचार के एक मामले में भारतीय राजस्व सेवा के एक अधिकारी को गुजरात हाईकोर्ट से दी गई अग्रिम जमानत को खारिज करते हुए सोमवार को कहा कि भ्रष्टाचार समाज के लिए एक गंभीर खतरा है और इससे सख्ती से निपटना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भ्रष्टाचार (Corruption) न केवल सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचाता है, बल्कि सुशासन को भी प्रभावित करता है. जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जे. के. माहेश्वरी की पीठ ने आईआरएस अधिकारी संतोष करनानी को हाईकोर्ट से मिली अग्रिम जमानत केंद्रीय जांच ब्यूरो CBI) की याचिका पर रद्द कर दी.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ‘कथित अपराध की प्रकृति और गंभीरता को हाईकोर्ट को ध्यान में रखा जाना चाहिए था. भ्रष्टाचार हमारे समाज के लिए एक गंभीर खतरा है और इससे सख्ती से निपटना चाहिए. यह न केवल सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचाता है, बल्कि सुशासन को भी प्रभावित करता है.’ सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आम आदमी सामाजिक कल्याण योजनाओं के लाभ से वंचित हैं और करप्शन से सबसे ज्यादा प्रभावित है. अदालत ने कहा कि ‘यह ठीक ही कहा गया है कि भ्रष्टाचार एक ऐसा पेड़ है, जिसकी शाखाएं हर जगह फैल जाती हैं. इसलिए और अधिक सतर्क रहने की जरूरत है.

सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि उसने गिरफ्तारी से पहले जमानत देने से इनकार करने या मंजूरी देने के सीमित उद्देश्य के लिए आरोपों की मेरिट पर केवल प्रथम दृष्टया राय प्रकट की है. गौरतलब है कि राज्य के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, अहमदाबाद ने 4 अक्टूबर, 2022 को एक शिकायत पर प्राथमिकी  दर्ज की थी. एफआईआर पर कार्रवाई करते हुए स्थानीय पुलिस ने उसी दिन जाल बिछाया था और 30 लाख रुपये की रिश्वत बरामद की थी. बाद में मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई. जिसने 12 अक्टूबर, 2022 को वही एफआईआर फिर से दर्ज की. इस मामले में शिकायतकर्ता एक निर्माण कंपनी- सफल कंस्ट्रक्शन प्रा. लिमिटेड है.

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