उत्तर प्रदेश में ग्रामीण विकास को सशक्त बनाने के लिए तीन प्रशिक्षण कार्यक्रमों का समन्वित आयोजन !
लखनऊ -: उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के कुशल नेतृत्व और मार्गदर्शन में दीन दयाल उपाध्याय ग्राम्य विकास संस्थान, बख्शी का तालाब, लखनऊ में ग्रामीण विकास और आजीविका के क्षेत्र में कार्यरत अधिकारियों, कर्मचारियों तथा विभिन्न विभागों से जुड़े व्यक्तियों को दक्ष और सक्षम बनाने हेतु व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।संस्थान के महानिदेशक एल० वेंकटेश्वर लू के संरक्षण में, प्रभार अपर निदेशक सुबोध दीक्षित एवं उप निदेशक डॉ. नीरजा गुप्ता के प्रशासनिक नियंत्रण एवं मार्गदर्शन में संस्थान के विभिन्न प्रशिक्षण कक्षों में तीन प्रशिक्षण कार्यक्रम समानांतर रूप से आयोजित हो रहे हैं। इन कार्यक्रमों का आयोजन मिशन निदेशक, उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, लखनऊ के सहयोग से 23 जून से 27 जून, 2025 की अवधि में किया जा रहा है।
प्रथम प्रशिक्षण कार्यक्रम में 23 से 26 जून तक कुल 71 ब्लॉक मिशन मैनेजरों के लिए चार दिवसीय आवासीय “डिटेल्स प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डी०पी०आर०)” विषयक उन्मुखीकरण प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके साथ ही समान अवधि में ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत 25 ब्लॉक मिशन मैनेजरों के लिए चार दिवसीय आवासीय “एफएनएचएसडब्ल्यू मॉड्यूल-1 एवं एमआईएस” विषयक प्रशिक्षण भी संचालित किया जा रहा है।इसी क्रम में 25 जून से 27 जून तक कुल 48 ब्लॉक मिशन मैनेजरों के लिए तीन दिवसीय आवासीय “मधुमक्खी पालन” विषयक प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किया गया है, जिसका उद्देश्य महिला समूहों की दीदियों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।25 जून को मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण कार्यक्रम के पहले दिन इन तीनों प्रशिक्षण कार्यक्रमों के प्रतिभागियों के लिए बुद्धा सभागार में एक भव्य उद्घाटन सत्र का आयोजन किया गया। इस समारोह की अध्यक्षता महानिदेशक एल० वेंकटेश्वर लू ने की।
विशिष्ट अतिथि के रूप में इस्कान के दिव्य मिताई दास, पूर्व लोक सेवा आयोग सदस्य डॉ. किशन वीर सिंह शाक्य, हैदराबाद के नेशनल रिसोर्स पर्सन के० लक्ष्मी राव, इंदिरा गांधी मुक्त विश्वविद्यालय के सहायक निदेशक डॉ. जय प्रकाश और उप निदेशक डॉ. कीर्ति विक्रम सिंह उपस्थित थे।उद्घाटन सत्र में वक्ताओं ने मधुमक्खी पालन एवं उससे जुड़ी अन्य विषयों पर महत्वपूर्ण और उपयोगी विचार प्रस्तुत किए। डॉ. शाक्य ने एग्रोफार्मिंग एवं मधुमक्खी पालन के विविध आयामों पर गहन जानकारी दी। इस्कान संस्था के दिव्य मिताई दास ने मक्खी और मधुमक्खी के व्यवहार संबंधी रोचक तथ्य साझा किए और बताया कि जहां मक्खी रोग फैलाती है, वहीं मधुमक्खी मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी है।
संस्थान के महानिदेशक एल० वेंकटेश्वर लू ने प्रतिभागियों को भारतीय संस्कृति, प्राकृतिक परिवेश, रीति-रिवाज और धर्म की गहराई समझाते हुए श्रीमद्भगवद्गीता में भगवान कृष्ण के उपदेशों के माध्यम से कार्यों में निष्ठा, ईमानदारी और समर्पण का महत्व समझाया।इन तीनों प्रशिक्षण कार्यक्रमों के सफल आयोजन एवं प्रबंधन में उप निदेशक डॉ. नीरजा गुप्ता के नियंत्रण में आरती गुप्ता और विकास श्रीवास्तव (विषय विशेषज्ञ), उपेंद्र दुबे (कंप्यूटर प्रोग्रामर) एवं मोहम्मदर शहंशाह (प्रचार सहायक) का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है।यह पहल ग्रामीण विकास के क्षेत्र में बेहतर कार्य निष्पादन एवं सतत् प्रगति की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम मानी जा रही है, जिससे प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र की आजीविका और आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।