बिहार में यहां बनता है मोटे अनाज से कुकीज (मोटे अनाज )
गया. संयुक्त राष्ट्र संघ ने 2023 को इंटरनेशनल मिलेट ईयर घोषित किया है. मोटे अनाज (मोटे अनाज ) को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने भी पहल की है. आज के दौर के बच्चे मोटे अनाज से काफी दूर होते जा रहे हैं. ऐसे में सरकार की यह पहल कारगर हो रही है और मोटे अनाज की महत्ता को देखते हुए और बच्चों को मोटे अनाज की तरफ आकर्षित करने के लिए गया में मडुआ से कुकीज तैयार किया जा रहा है. गया के डेल्हा के रहने वाले युवा उद्यमी विष्णु ने यह पहल की है. इसकी अच्छी डिमांड हो रही है. छोटे बच्चे अब मडुआ के कुकीज़ के तरफ आकर्षित हो रहे हैं और इसका सेवन कर रहे हैं.
कुकीज की कीमत 1500 रुपये प्रति किलो
युवा उद्यमी विष्णु ने इस सोच के साथ मड़ुवा के आटा से कुकीज बनाने की सोची कि जीवित्पुत्रिका त्योहार में मडुआ खाने का महत्व होता है, लेकिन आज के बच्चे मडुआ का रोटी खाना पसंद नहीं करते. बच्चे मैदा से बने कुकीज या बिस्किट खाकर अपने स्वास्थ्य खराब कर रहें हैं, ऐसे मे मडुआ एक बेहतर विकल्प हो सकता है. इससे उनके स्वास्थ्य पर भी कोई असर नहीं होगा. इसलिए मडुआ के आटा से कुकीज का रुप दिया गया और इसे बच्चे के साथ अन्य वर्ग के लोग भी इसे बेहद पसंद कर रहे हैं. मडुवा के आटा से तैयार कुकीज की कीमत 1500 रुपये प्रति किलो है. देश के कोने-कोने से ऑनलाइन ऑर्डर आ रहे हैं.
विष्णु चित्यानंद बताते हैं कि आज के बच्चे या युवा वर्ग के लोग मडुआ का रोटी खाना पसंद नहीं करते. इसलिए इसमें फ्लेवर ऐड करने को सोचा और मडुआ के आटा से कुकीज तैयार की. मडुआ से तैयार कुकीज अब बच्चो को भी पसंद आ रहा है और उनकी मां भी खुश है. इन्होंने बताया कि ऑफलाइन से ज्यादा ऑनलाइन इसकी खूब डिमांड है
ऐसे बनती है कुकीज
इस कुकीज में मडुवा के आटा के अलावा गुड़ और बटर का उपयोग किया गया है. इसे मिक्सर में अच्छी तरह मिलाने के बाद छोटे छोटे गोल आकार में कुकीज बनाकर इलेक्ट्रिक चूल्हा में सेंका जाता है. पूरे प्रकिया में लगभग एक घंटा का समय लगता है और कुकीज को ओवन में एक तापमान पर 20-25 मिनट तक सेंका जाता है. ओवन से निकालने के बाद थोडा ठंढा होने के बाद इसे पैक कर दिया जाता है.