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पीएम मोदी पर बनी BBC की डॉक्यूमेंट्री को दिल्ली विश्वविद्यालय में स्क्रीनिंग करने को लेकर बड़ा विवाद

नई दिल्ली: पीएम मोदी पर बनी BBC की डॉक्यूमेंट्री को दिल्ली विश्वविद्यालय में स्क्रीनिंग करने को लेकर विवाद बढ़ गया है. छात्र इस डॉक्यूमेंट्री को DU के फैकल्टी ऑफ आर्ट्स में दिखाने की तैयारी में थे. इसे लेकर फैकल्टी ऑफ आर्ट्स में बड़ी संख्या में छात्र जमा भी हुए लेकिन प्रशासन ने उन्हें ऐसा करने की इजाजत नहीं दी. कांग्रेस की छात्र इकाई NSUI ने KSU के साथ मिलकर इस स्क्रीनिंग का आयोजन कराने की तैयारी में थी. प्रशासन द्वारा डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग रोके जाने से गुस्सा छात्रों ने दिल्ली पुलिस के खिलाफ नारेबाजी भी की. इसके बाद पुलिस ने DU फैकल्टी ऑफ आर्ट्स से कई छात्रों को हिरासत में भी लिया है.

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दिल्ली विश्वविद्यालय से पहले BBC की इस डॉक्यूमेंट्री को JNU और जामिया मिल्लिया इस्लामिया में भी दिखाने की योजना थी लेकिन इन दोनों विश्वविद्यालय में भी प्रशासन ने उन्हें इस डॉक्यूमेंट्री को दिखाने की इजाजत नहीं दी थी. हालांकि, JNU में विश्वविद्यालय प्रशासन से इजाजत ना मिलने के बाद छात्रों ने अपने स्तर पर इस डॉक्यूमेंट्री को फोन और लॉपटैप पर जरूर देखा था.

डॉक्यूमेंट्री को अपने स्तर पर दिखाए जाने के बाद JNU में छात्रों के बीच कथित तौर पर आपसी झड़प की भी खबर आई थी. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष आयशी घोष ने दावा किया था कि जेएनयू प्रशासन ने छात्र संघ कार्यालय की बिजली काटी, साथ ही इंटरनेट भी बंद कर दिया गया था ताकि छात्र इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग ना कर पाएं. हालांकि बाद में ऑफिस में बिजली और इंटरनेट बहाल कर दिया गया था. वाम दल समर्थित स्‍टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया की अध्‍यक्ष आयशी घोष ने कहा था, “हम क्‍यूआर कोड का इस्‍तेमाल करके मोबाइल के जरिए डॉक्‍यूमेंट्री देखेंगे.” जबकि जेएनयू प्रशासन ने डॉक्‍यूमेंटी की स्‍क्रीनिंग की इजाजत देने से इनकार कर दिया था.’ब्लैकआउट’ के बाद, छात्र कैंपस के अंदर एक कैफेटेरिया पहुंचे, जहां उन्होंने अपने सेलफोन और लैपटॉप पर डॉक्यूमेंट्री देखी. आरोप है कि जब वे डॉक्यूमेंट्री देख रहे थे, तब झाड़ियों के पीछे से उन पर कुछ पत्थर फेंके गए.

छात्रसंघ ने जेएनयू प्रशासन को सवाल किया था कि डॉक्यूमेंट्री दिखाकर आखिरकार वे विश्वविद्यालय का कौन से नियम का उल्लंघन कर रहे हैं? छात्रसंघ ने कहा कि वो इस डॉक्यूमेंट्री को दिखाकर सांप्रदायिक सद्भाव खराब नहीं कर रहे हैं.इसके बाद एबीवीपी और बीजेपी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए स्‍टूडेंट्स ने मार्च निकाला. वाम दल समर्थकों ने दो स्‍टूडेंट्स को पकड़ा. उनका दावा है कि ये एबीवीपी से संबंध रखते हैं और ये पथराव कर रहे थे.

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उधर, कुछ दिन पहले ही जामिया यूनिवर्सिटी में BBC की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग का ऐलान कर माहौल खराब करने को लेकर पुलिस ने तीन छात्रों को हिरासत में लिया था. छात्रों को हिरासत में लिए जाने के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे 7 अन्य छात्रों को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया था. चीफ प्रॉक्टर की शिकायत पर ये कार्रवाई की गई थी.डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग करने की मांग को लेकर हुए हंगामे के बीच जामिया यूनिवर्सिटी के सभी गेट बंद कर दिए गए थे. छात्रों को उसके अंदर प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा था.जामिया के छात्रों ने कहा था कि वो बीबीसी की ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ डाक्यूमेंट्री दिखाएंगे. लेकिन जामिया विश्वविद्यालय ने उन्हें अनुमति देने से इनकार कर दिया था. हालांकि छात्र शाम 6 बजे गेट नंबर-8 पर डॉक्यूमेंट्री दिखाने पर अड़े रहे. यूनिवर्सिटी ने छात्रों को नोटिस जारी किया था.

जामिया प्रशासन की तरफ से जारी किए गए नोटिस के बावजूद बीते बुधवार शाम 6 बजे गेट नंबर-8 पर MCRC लॉन में बीबीसी की प्रतिबंधित और विवादित डॉक्यूमेंट्री का आयोजन किया जा रहा था. जामिया विश्वविद्यालय ने इसको लेकर अनुमति नहीं दी थी.