राष्ट्रीय

सोनिया-राहुल गांधी के खिलाफ “ईडी की चार्जशीट पर भड़की कांग्रेस  (भड़की कांग्रेस)

दिल्ली :प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने नेशनल हेराल्ड मामले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग केस में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य के खिलाफ चार्जशीट दायर की है। कोर्ट में इस मामले में आगे की सुनवाई 25 अप्रैल की तारीख को होनी है। अपने नेताओं के खिलाफ ईडी की कार्रवाई से कांग्रेस भड़क  (भड़की कांग्रेस) गई है। कांग्रेस के नेताओं ने इसे राजनीतिक से प्रेरित कार्रवाई बताया है। वहीं, कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इस कार्रवाई के विरोध में बुधवार को पूरे देश में प्रदर्शन का ऐलान किया है।
यह बदले की राजनीति- केसी वेणुगोपाल
कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी किए गए नोटिस में कहा गया है कि “मोदी सरकार द्वारा नेशनल हेराल्ड की संपत्ति को मनमाने और अन्यायपूर्ण तरीके से जब्त किया गया है। इसके साथ ही पार्टी नेतृत्व के खिलाफ चार्जशीट दिया गया है। कांग्रेस इस कदम की निंदा करती है। यह कानूनी प्रक्रिया का मामला नहीं है बल्कि कानून के शासन के नाम पर राज्य की ओर से प्रायोजित अपराध है। ये कदम लोकतांत्रिक विपक्ष के विचार पर सीधा हमला है और सत्तारूढ़ पार्टी की ओर से डराने-धमकाने की एक कोशिश है। यह बदले की राजनीति के अलावा और कुछ नहीं है।”

प्रदर्शन करने का निर्देश
केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी किए गए नोटिस में कहा गया है- “सभी प्रदेश कांग्रेस कमेटी को बुधवार 16 अप्रैल की तारीख को संबंधित राज्यों में ईडी के ऑफिस के सामने और जिला स्तर पर केंद्र सरकार के कार्यालयों के सामने विरोध प्रदर्शन करने का निर्देश दिया जाता है। इस विरोध प्रदर्शन में संबंधित राज्य के वरिष्ठ नेताओं, विधायकों, सांसदों और अन्य पदाधिकारियों व कांग्रेस कार्यकर्ताओं को शामिल होना चाहिए और सरकार के प्रतिशोध और धमकी की राजनीति के खिलाफ कड़ा विरोध दर्ज कराना चाहिए।”

भाजपा ने क्या कहा?
इस पूरे मामले पर भाजपा नेता गौरव वल्लभ ने कहा- “ईडी कानून के मुताबिक काम कर रही है। नेशनल हेराल्ड केस में मनी लॉन्ड्रिंग करने वालों पर कानून द्वारा सख्त कार्रवाई की जाएगी। किसी को भी सिर्फ इसलिए नहीं बख्शा जा सकता क्योंकि वह किसी खास परिवार से ताल्लुक रखता है। वहीं, भाजपा सांसद दिनेश शर्मा ने कहा- “कोई बड़ा व्यक्ति हो, नेता हो, अधिकारी हो या आम आदमी हो, कानून की कार्रवाई सभी के लिए एक जैसी है। संस्थाएं पूरी तरह से स्वतंत्र हैं। न तो सरकार उन पर दबाव डालती है और न ही वे सीधे सरकार से निर्देश लेते हैं। ये मामला राजनीति से प्रेरित नहीं है।”

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