लोक निर्माण विभाग के कर्मचारी की बेखौफ गुंडई,सांसत में जान
उत्तर प्रदेश जंहा सीएम योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचार और माफियाओं के खिलाफ कङी कारवाई कर रहे हैं। वंही दूसरी ओर ऐसे भी कई दंबग माफिया हैं। जिनके आतंक और खौफ का ये आलम है की इनके द्वारा प्रताड़ित लोग अपनी आपबीती भी बताने से कतराते हैं और दंबगो के बताये रास्ते पर चलने मे ही खुद की भलाई समझते हैं। हम बात कर रहे हैं पीडब्ल्यू नियमित वर्कचार्ज कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष भारत यादव की।
जय प्रकाश पाठक
लखनऊ। खौफ,गुंडागर्दी,आंतक किसे कहते हैं ? देखना हो तो लोक निर्माण विभाग के व्यस्थापन ग वर्ग कार्यालय के भीतर जाकर वंहा कर्मचारियों के चेहरों को देख लीजिये। यकीन मानिये! आप हैरत में पङ जायेगें की जंहा से दुर्दांत माफियाओं का सफाया गया। अभी भी उसी प्रदेश की राजधानी मे माफियाराज चल रहा है। गौरतलब है की यूपी की महामहिम राज्यपाल आंनदीबेन पटेल के आधिकारिक निवास राजभवन से करीब दो सौ मीटर दूरी पर ये कर्मचारी अपना दायित्व संभाल रहे हैं। व्यवस्थापन ग वर्ग में संघो को लेकर शासन से गोपनीय पत्राचार होता है।
जिसको लेकर लो. नि.वि.नियमित वर्कचार्ज कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष अक्सर कर्मचारियों से मनमाफिक रिपोर्ट शासन को भेजने के लिये दबाव डालते हैं और उनकी बात न मानने पर कर्मचारियों को मां-बहन की गंदी-गंदी गालियों से नवाजते हैं। मन हुआ तो पिटाई से भी गुरेज नही करते। बीते 10 फरवरी को व्यवस्थापन ग वर्ग के कार्यालय में कर्मचारी नेता भारत यादव ने घुसकर कर्मचारी वैभव पांडे को भद्दी-भद्दी गालियां दी।जब इससे भी उनका मन नही भरा तो सभी को जान से मारने की धमकी देकर बाहर निकल गये।
कर्मचारियों द्वारा शिकायत के बाद आग-बबूला हुये भारत यादव
10 फरवरी को व्यवस्थापन ग वर्ग के कर्मियों को गालियां देने,पिटाई करने के बाद शिकायती पत्र प्रमुख अभियंता(परि./ नियो.) को भेजने की जानकारी होने पर एक बार फिर 14 फरवरी को घटना दोहराई गई।जिसमे भारत यादव ने व्यवस्थापन कार्यालय मे चिल्लाकर कहा-जो भी पुलिस में रिपोर्ट करायेगा,जान से हाथ धोना पङेगा। जिसके बाद से ही व्यवस्थापन ग वर्ग के कर्मचारी डरे-सहमे हैं।
प्रमुख अभियंता को पत्र लिखने पर भी मुश्किलें नही हुई कम
बीते 10 फरवरी को व्यवस्थापन ग वर्ग के कर्मचारियों वैभव पांडे,चंदन सिंह आदि ने प्रमुख अभियंता(परि./नियो.) को पत्र लिखा तो मांगो के अनुरूप थाने में एफआईआर लिखाने और ग वर्ग कार्यालय मे सीसीटीवी लगवाने के आदेश मुख्य अभियंता,मु.2 ने दिये।मगर जान से मारने का डर इस कदर हावी रहा की कर्मचारियों ने खुद को भारत यादव के रहमों-करम पर रहना ही मुनासिब समझा। आखिर क्यों! प्रशासन के भ्रष्ट्राचार और गुंडागर्दी पर जीरो-टालरेंस पर भरोसा कर अपने को जोखिम मे डालें। वंही सीसीटीवी कैमरे लगवाने का आदेश भी पुरानी अलमारियों की पुरानी फाइलों मे दबकर रह गया है।
लो. नि.वि. परिसर में इस तरह की घटनाओं का जिम्मेदार कौन?
1-परिसर में ही विश्वेसरैया हाल है।जंहा समय-समय राजैनैतिक-सामाजिक कार्यक्रम होते रहते हैं।जिनमे भाग लेने के लिये देश-प्रदेश से लोग आते हैं।ऐसे में परिसर मे ही इस तरह के माहौल में उनकी सुरक्षा की गारंटी कौन लेगा?
2- वंही व्यवस्थापन ग वर्ग जंहा से संघो को लेकर शासन से गोपनीय पत्राचार होता है।उनकी गोपनियता पर कर्मचारियों के भीतर बैठा डर भारी पङ रहा है।ऐसे में गोपनीयता कंहा बचेगी?
3- 10 और 14 फरवरी के बाद फिर से ऐसी मारपीट की घटना परिसर,कार्यालय में हुई तो इसका जिम्मेदार कौन होगा?
4- पीडब्ल्यूडी नियमित वर्कचार्ज कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष भारत यादव की मनबढई पर लगाम कैसे लगेगी?
प्रमुख सचिव ने दिया कारवाई का भरोसा
इस बारे में जब प्रमुख सचिव लो. नि. वि. अजय चौहान से बात की गई तो चौंकते हुये उन्होने कहा की इस मामले मे कङी कारवाई की जायेगी। वंही सूत्रों का कहना है की सैकङो करोङों का काला साम्राज्य खङा करने वाले और कर्मचारियों से गुंडागर्दी करने वाले भारत यादव को इसकी भनक लग चुकी है। जिसके बाद से वे मामले को दबाने,मैनेज करने मे जुटे हैं। कंही ऐसा न हो की राजभवन से चंद कदमों की दूरी पर लो.नि.वि.परिसर में भारत यादव द्वारा चलाया जा रहा अकूत दौलत का भ्रष्ट और माफिया तंत्र उन पर भारी पङ जाये और इन पर सीएम योगी आदित्यनाथ का गुस्सा इन पर कहर बन कर न टूट पङे।
आगे भी खुलासे जारी रहेगें…