पिछड़े वर्गों के कल्याण और अधिकारों की रक्षा में आयोग निभाएगा महत्वपूर्ण भूमिका – अध्यक्ष राजेश वर्मा
लखनऊ (19 सितम्बर 2024) – : उत्तर प्रदेश राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के नवनियुक्त अध्यक्ष राजेश वर्मा ने मंगलवार को इंदिरा भवन, लखनऊ में आयोग की मासिक बैठक की अध्यक्षता की। बैठक का मुख्य उद्देश्य पिछड़े वर्गों की समस्याओं का समाधान और उनके समग्र विकास के लिए आयोग की रणनीतियों पर विचार-विमर्श करना था। इस अवसर पर उपाध्यक्ष सोहन लाल श्रीमाली, सूर्य प्रकाश पाल सहित अन्य सदस्य भी उपस्थित रहे।
सदस्यों को जिलावार जिम्मेदारी देकर पिछड़े वर्गों की शिकायतों का होगा समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण
अध्यक्ष राजेश वर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा-निर्देशों के तहत पिछड़े वर्गों के कल्याण और उनके अधिकारों की सुरक्षा में आयोग एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। वर्मा ने जोर दिया कि आयोग के पास पिछड़े वर्ग के लोगों की अपेक्षाएं हैं और आयोग उन पर खरा उतरने के लिए पूरी तत्परता से काम करेगा। शिकायतों और आवेदनों का समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण आयोग की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल होगा। इसके लिए सदस्यों को जिलावार जिम्मेदारी सौंपी जाएगी ताकि प्रमाण पत्र प्राप्त करने में किसी जिले में कठिनाई न हो और शिकायतों का त्वरित निस्तारण हो सके।
बैठक में विभिन्न महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। हिन्दू दर्जी सक्सेना और मुस्लिम दर्जी इदरीसी को अलग-अलग कमांक पर दर्ज करने के मुद्दे पर आयोग ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि उपजाति/उपनाम जोड़ने से भ्रम की स्थिति उत्पन्न होती है, और इस प्रस्ताव को निरस्त कर दिया गया। इसी तरह, लोनिया जाति को क्षत्रिय के रूप में दर्ज करने के अनुरोध को भी आयोग ने निरस्त किया।
बैठक में पिछड़े वर्गों की सूची का पुनरीक्षण, उनकी समस्याओं का समाधान, और उनके सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए योजनाओं पर विचार-विमर्श किया गया। आयोग ने राज्य सरकार को सिफारिश की कि पिछड़े वर्गों के कल्याण के लिए नई योजनाओं और नीतियों का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। आयोग यह भी सुनिश्चित करेगा कि पिछड़े वर्गों को उनके अधिकारों से वंचित न किया जाए और उनकी समस्याओं का समाधान शीघ्र हो। राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की यह बैठक पिछड़े वर्गों के अधिकारों की सुरक्षा और उनके समग्र विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।