Coal Crisis : पावर प्लांटों के पास 10 फीसदी या उससे कम कोयला? जाने पूरी खबर

नई दिल्ली। Coal Crisis : पावर प्लांटों के पास 10 फीसदी या उससे कम कोयला? जाने पूरी खबर देश में जहां एक तरफ लोगों का गर्मी से बुरा हाल है, वहीं कोयला और बिजली संकट से भी लोग जूझ रहे हैं। सेंट्रेल इलेक्ट्रिसिटी अथारिटी की दैनिक कोयला स्टाक रिपोर्ट के मुताबिक- 28 अप्रैल 2022 को देश के कुल 165 थर्मल पावर प्लांट में से 54 (32.72 प्रतिशत) के पास मानक स्टाक मानदंडों की तुलना में 10 प्रतिशत या उससे कम का कोयला स्टाक बचा था. इसी के चलते बिजली संकट का सामना भी करना पड़ा। 1 मई को रविवार था।
Coal Crisis : देश के एक तिहाई थर्मल पावर प्लांटों के पास 10 फीसदी या उससे कम कोयला: रिपोर्ट
बहुत से दफ्तरों की छुट्टी होने की वजह से बिजली की मांग भी कम होती है। 29 और 30 अप्रैल को बिजली की मांग तो बढ़ी लेकिन शार्टेज बरकरार रही, वहीं कुछ राज्यों में गर्मी कम हुई है, वहां भी डिमांड कम रही। आल इंडिया पावर इंजीनियर फेडरेशन चेयरमैन शैलेंद्र दूबे ने कोयला और बिजली की कमी को लेकर कहा कि अप्रैल महीने में कोयला और बिजली संकट के बाद मई महीने में भी कोयले का संकट बना हुआ है। डोमेस्टिक कोल से चलने वाले 88 बिजली घरों के पास कोयले का स्टाक क्रिटिकल है।
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यानी नार्मेटिव स्टाक के मुकाबले 25 प्रतिशत से कम है। इंपोर्टेड काल से चलने वाले 18 बिजली घरों में से 12 के पास क्रिटिकल स्टाक से कम कोयला है यानी 25 फीसदी से कम और 8 बिजली घरों के पास कोयला ना होने की वजह से वह बंद पड़े हैं गर्मी कुछ कम होने की वजह से बिजली की मांग कम हुई है लेकिन बड़ी संख्या में बिजली घरों में कोयले का संकट बना हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि देश में कुल पावर प्रोडक्शन की क्षमता 399461 मेगावाट है।
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लेकिन 3 दिन पहले सबसे ज्यादा दो लाख सात हजार के करीब मेगावाट बिजली की डिमांड पूरी की गई … यानी देश में जो बिजली का उत्पादन है वह क्षमता के करीब आधी है। 34 ऐसे ताप बिजलीघर हैं, जिनकी क्षमता 40000 मेगावाट बिजली पैदा करने की है जिन पर एक लाख 74 हजार के करीब करीब निवेश हुआ है, लेकिन उन पर दबाव है, क्योंकि उसके पास ईंधन नहीं है और कुछ महंगी बिजली की वजह से पावर परचेज एग्रीमेंट नहीं कर पा रहे हैं, इसलिए बंद पड़े हैं।