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श्रीलंका के हम्बनटोटा पोर्ट नहीं पहुंचेगा चीनी जासूसी जहाज

कोलंबो । चीन (spy ship) के स्पाय शिप (spy ship) यानी जासूसी करने वाला जहाज अब 11 अगस्त को श्रीलंका के हम्बनटोटा पोर्ट नहीं पहुंचेगा। सोमवार को श्रीलंकाई सरकार ने इस खबर की औपचारिक पुष्टि कर दी। हम्बनटोटा पोर्ट कोलंबो से 250 किलोमीटर दूर है।

श्रीलंकाई सरकार जब चीन का कर्ज नहीं चुका पाई तो यह पोर्ट 99 साल की लीज पर चीन के हवाले कर दिया गया। हम्बनटोटा बंदरगाह को चीन ने 99 साल की लीज पर लिया है। भारत ने चीन के इस जासूसी जहाज के श्रीलंका पहुंचने की रिपोर्ट्स पर सख्त ऐतराज बताया था।

माना जा रहा है कि इसके बाद दबाव में आई श्रीलंकाई सरकार ने चीन से इस जहाज को हम्बनटोटा न भेजने को कहा। इस बयान में कहा गया- श्रीलंकाई फॉरेन मिनिस्ट्री ने इस बारे में चीन से बात की है। युआंग वांग 5 अब 11 अगस्त को हम्बनटोटा नहीं पहुंचेगा।

यह रिफ्यूलिंग के लिए आने वाला था और इसे 17 अगस्त को लौटना था। हमने इस बारे में चीन की एम्बेसी को भी जानकारी दे दी है। हमने उनसे कहा है कि वो इस जहाज के हम्बनटोटा पहुंचने के प्रोग्राम को फिलहाल टाल दें।

दूसरी तरफ, चीन ने कहा कि वो कानून के मुताबिक सभी देशों की समुद्री सीमाओं को मानता है। साथ ही ये भी कहा कि युआंग वांग 5 सिर्फ साइंटिफिक रिसर्च के लिए हम्बनटोटा जाने वाला था। बयान में इस जहाज को रोके जाने की कोई वजह नहीं बताई गई।

इसमें श्रीलंका और चीन के रिश्तों को बेहतरीन बताया गया। ये भी कहा गया कि ये संबंध आगे भी ऐसे ही रहेंगे, क्योंकि इनकी बुनियाद काफी मजबूत है। बयान के मुताबिक- हाल ही में श्रीलंकाई विदेश मंत्री और चीन के विदेश मंत्री की मुलाकात हुई थी। हमने साफ कर दिया कि श्रीलंका ‘वन चाइना पॉलिसी’ का समर्थन करता है।

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