तिब्बत और नेपाल के हिंदी भाषियों को भर्ती कर रही है चीन की सेना(Chinese army)

नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में चीन की सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत के खिलाफ नए-नए हथकंडे अपना रही है. इसी कड़ी में अब चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (Chinese army) तिब्बत और नेपाल से उन लोगों की भर्ती कर रही है जो हिंदी भाषा की अच्छी समझ रखते हैं और खुफिया जानकारी हासिल करने में समक्ष हों. एक लेटेस्ट इंटेजिलेंस इनपुट में यह बात सामने आई है.
इस खुफिया सूचना में कहा गया है कि, इस भर्ती अभियान को बढ़ाने के लिए तिब्बत सैन्य जिले के अधिकारी हिंदी ग्रेजुएट्स की तलाश में यूनिवर्सिटी का दौरा कर रहे हैं. तिब्बत सैन्य जिला पीएलए के पश्चिमी थिएटर कमांड के अधीन है और एलएसी के निचले हिस्से की देखरेख करता है जिसमें भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और साथ ही उत्तराखंड के सीमावर्ती क्षेत्र शामिल हैं.
खुफिया जानकारी के अनुसार, पीएलए के वेस्टर्न थिएटर कमांड द्वारा आयोजित बड़े पैमाने पर यह भर्ती अभियान लगभग पूरा हो गया है. तिब्बत सैन्य जिले के पीएलए अधिकारियों ने हिंदी भाषियों के लिए करियर के अवसर जैसे मुद्दे पर लेक्चर देने के लिए चीन के कई विश्वविद्यालय और स्कूलों का दौरा किया था.
चीन का तिब्बती नागरिकों को सेना में भर्ती करने पर ज्यादा जोर
देश के रक्षा सूत्रों नेबताया कि, चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नियमित मिलिशिया यूनिट की भर्ती करने के बजाय ज्यादा से ज्यादा तिब्बतियों को रिक्रूट करने पर फोकस करती आई है. कई खुफिया जानकारियों में यह बात सामने आई है कि चीन की सेना पिछले साल सेना में तिब्बतियों को भर्ती करने के लिए अभियान चलाया था.
चीन की सेना के लिए यह एक अतिरिक्त फायदा होगा कि नए रंगरूटों को हिंदी बोलनी चाहिए क्योंकि उन्हें LAC में विभिन्न भूमिकाओं के लिए इंटरसेप्शन जॉब के लिए तैनात किया जा सकता है. वहीं एक अन्य इंटेलिजेंस इनपुट के मुताबिक, इस समय चीन की सेना में करीब 7 हजार एक्टिव तिब्बती रक्षा बल हैं, इनमें से एक हजार तिब्बतियो, जिनमें 100 महिलाएं भी शामिल हैं, उन्हें स्पेशल तिब्बतन आर्मी यूनिट में इनरॉल किया गया है. जून 2020 में गलवान घाटी में हुए संघर्ष के बाद चीन ने हिंदी भाषियों को लेकर भर्ती अभियान में तेजी दिखाई है.